फ़ीस जमा न करने पर छात्र को किया पुलिस के हवाले, बंधक बनाने के आरोप में परिजनों का हंगामा

अज़हर मलिक
रुद्रपुर।
उधम सिंह नगर में एक प्राइवेट स्कूल की ऐसी करतूत सामने आई है जो कि इंसानियत को शर्मसार करती है। कोरोना काल मे स्कूल की फीस जमा न करना एक छात्र को भुगतना पड़ा है। छात्र को पहले स्कूल प्रबंधन ने घंटो बंधक बनाया फिर अपमानित करते हुए कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। 

इस तरह का प्रकरण होने के बाद अब छात्र सदमे में है। मामले को लेकर परिजनों ने एसडीएम से शिकायत कर स्कूल के ख़िलाफ़ कार्यवाही की मांग की है। जब की सूबे के शिक्षा मंत्री ने मामले को संज्ञान लेते हुए कड़ी करवाही करने के आदेश दे दिए हैं।

बता दें कि उधम सिंह नगर में एक अविभावक ने आरोप लगाया है कि एसएम पब्लिक स्कूल सितारगंज में कक्षा 8 के छात्र के साथ विधालय प्रबन्धक द्वारा कोरोना काल की फीस में हेरा फेरी कर लॉकडाउन के दौरान की पूरी फीस लेने ओर भारी भरकम लेट फीस तथा बच्चों के साथ फीस को लेकर अपमानजनक व्यवहार किया है। फीस ना देने पर उनके पुत्र का जबरन नाम काटने का मामला सामने आया है। आरोप है कि विद्यालय प्रबन्धक की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने से नाराज होकर विधालय प्रबन्धक ने छात्र को अपमानित करते हुए कक्षा से खींचकर बाहर निकाल लिया ओर ऑफिस में एक घंटे तक बन्धक बनाकर रखा फिर घसीटते हुए अपनी कार में डालकर थाने ले गये और थाने में पुलिस के हवाले कर दिया। जिसके बाद बच्चे के परिजनों ने एसडीएम ऑफिस में जाकर हंगामा किया और विद्यालय पर करवाही की मांग की गई है।

बच्चे की माँ ने बताया कि उनके बच्चे को फीस जमा ना करने पर बच्चों को स्कूल से निकाल कर कल बच्चे को पहले एक घण्टे तक बंधक बनाया उसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। जब कि उन्हें किसी भी मामले की जानकारी नही थी जब उन्हें ये जानकारी मिली तब वह अपने बच्चे को कोतवाली से घर लेकर पहुंची हैं।

खण्ड शिक्षा अधिकारी सुषमा गौरव की माने तब ये मामला इनके संज्ञान में आया था उसी बीच इन्होंने स्कूल को नोटिस देकर जबाव मांगा था और अब ये मामला नया आया है जहां बच्चे को बंधक बना कोतवाली के हवाले किया गया है जिसको लेकर जांच कर करवाही की जाएगी।

सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से जब इस मामले में जानकरी ली गयी तब पहले तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ये मामला नही है फिर भी में तत्काल मीडिया के माध्यम से अधिकारियों को कड़ी करवाही करने के निर्देश देता हूँ और ऐसे लोगो को बक्सा नही जाएगा।

एसएम पब्लिक स्कूल के प्रबंधक भुवन भट्ट ने बताया कि इससे पूर्व भी ये अविभावक कई बार स्कूल में झगड़ा ओर हंगामा कर चुके हैं ये फीस का मामला कोरोना काल का नही है बल्कि कोरोना काल से पूर्व का है जो कि उसके बाद से बच्चे को पढ़ाने से मना किया था लेकिन छात्र के अविभावक स्कूल में आकर बत्तमीजी हंगामा करते हैं जिसको लेकर ये क़दम उठाना पड़ा है।

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