CM योगी ने दिए फिरोजाबाद में एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद फिरोजाबाद के स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचकर वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य व उपचार की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी वॉर्डों में जाकर मरीजों का हालचाल लिया तथा इलाज के सम्बन्ध में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सकों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि बच्चों का बेहतर उपचार किया जाए व उनके स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जाए। निरीक्षण के उपरांत उन्होंने शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें डेंगू व वायरल बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद में डेंगू और वायरल बुखार के कारणों की विस्तृत जांच मेडिकल टीम के माध्यम से करवायी जाए। इसके लिए पीड़ित मरीजों के ब्लड सैम्पल जांच के लिए एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ भेजें। उन्होंने ब्लड बैंक की जानकारी लेते हुए कहा कि कैम्प लगाकर ब्लड डोनेट कराया जाए। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी पूरा सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज की प्लेटलेट्स कम होने पर तुरंत आवश्यकतानुसार ब्लड चढ़़ाया जाए और इलाज में कोई कोताई न बरती जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड-19 हॉस्पिटल को डेेडीकेटेड आइसोलेशन वॉर्ड के रूप में संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वच्छता का विशेष अभियान चलाकर गली, मोहल्लों व शहर को स्वच्छ बनाया जाए। निरंतर फॉगिंग व एण्टी लार्वा का छिड़काव किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद में संचारी रोगों से बचने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्हांेने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि वह जनपद में तत्काल 15 सीनियर पैरा मेडिकल स्टाफ तथा नर्सिंग स्टाफ तैनात कराएं। उन्होंने जनपद में एम्बुलेंस की संख्या भी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेंगू व वायरल बुखार से ग्रसित मरीजों को अलग-अलग वॉर्ड में भर्ती रखा जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने नगर विकास सचिव को निर्देश दिए कि वह नगर निगम में रिक्त अधिकारियों के पद पर तैनाती करने के साथ-साथ मैनपावर बढ़ाएं। इसके उपरांत उन्होंने डेंगू व वायरल ग्रसित क्षेत्र सुदामा नगर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने वहां की स्थिति को जाना और एक पीड़ित के घर पहुंचकर उसके परिजनों से वार्ता भी की।

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