CM योगी ने ‘जनसंख्या नीति उत्तर प्रदेश 2021-30’ का किया विमोचन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जनसंख्या नीति का सम्बन्ध प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि लाने से है।  जनसंख्या स्थिरीकरण का प्रयास समाज में इसके प्रति जागरूकता से जुड़ा हुआ है। समाज के विभिन्न तबकों में गरीबी का भी जनसंख्या वृद्धि से सम्बन्ध है। इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विभिन्न वर्गां को ध्यान में रखते हुए व्यापक जागरूकता अभियान संचालित करना होगा।
मुख्यमंत्री रविवार को अपने सरकारी आवास पर विश्व जनसंख्या दिवस व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा (11 जुलाई से 24 जुलाई, 2021) के अवसर पर ‘जनसंख्या नीति उत्तर प्रदेश 2021-30’ के विमोचन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के 11 जनपदों में स्थापित बी0एस0एल0-2 आर0टी0पी0सी0आर0 प्रयोगशालाओं एवं ‘उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्र’ एप का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने 02 नव दम्पतियों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘शगुन किट’ भी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर केन्द्रित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में बढ़ती जनसंख्या को विकास में बाधक होने पर निरन्तर चर्चा हो रही है। जहां भी जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए समन्वित प्रयास हुए हैं, वहां सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी की गयी है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न वर्गां को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व को वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा देश में इन सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में देश की सबसे बड़ी आबादी के प्रदेश द्वारा भी इस दिशा में आवश्यक रूप से प्रयास करना होगा। वर्ष 2019 में गांधी जयन्ती के अवसर पर राज्य विधान मण्डल द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रिकॉर्ड 36 घण्टे तक लगातार चर्चा की गयी। चर्चा के उपरान्त सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु समितियां गठित की गयीं। इस सम्बन्ध में प्रगति की मंत्रिमण्डल के एक समूह द्वारा समीक्षा की जाती है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में इनके सम्बन्ध में जनसमुदाय में जागरूकता के भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 04 वर्षां में राज्य में टोटल फर्टिलिटी रेट (टी0एफ0आर0), मैटरनल मॉर्टेलिटी रेशियो (एम0एम0आर0) एवं इन्फैण्ट मॉर्टेलिटी रेट (आई0एम0आर0) को कम करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास हुए हैं। इन प्रयासों में पर्याप्त सफलता भी प्राप्त हुई है। किन्तु देश में टी0एफ0आर0, एम0एम0आर0 एवं आई0एम0आर0 के आंकड़ों को देखते हुए इस दिशा में और भी प्रभावी प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य में टी0एफ0आर0 3.3 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 2.6 था। वर्तमान में यह घटकर राज्य में 2.7 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 2.3 हो गया है। इसी प्रकार वर्ष 2016 में प्रदेश में एम0एम0आर0 258 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 178 था। वर्तमान में यह कम होकर राज्य में 197 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 113 हो गया है। आई0एम0आर0 में भी कमी आयी है। वर्ष 2016 में राज्य में यह 53 एवं राष्ट्रीय स्तर पर 42 था, जो वर्तमान में घटकर क्रमशः 43 एवं 33 हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 बच्चों के मध्य अन्तराल न होने पर उनके पोषण पर प्रभाव पड़ेगा। इससे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर के लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाई होगी। विगत वर्षां में इनसे सम्बन्धित लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में अच्छी सफलता मिली है, किन्तु इन प्रयासों को अभी और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरता की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के साथ ही यह भी ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है कि इसका देश की जन सांख्यकी पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जनसंख्या स्थिरता की दिशा में अनेक उपयोगी योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं को अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से प्रभावी ढंग से लागू किये जाने की आवश्यकता है। इन योजनाओं को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ ही बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग, शिक्षा से सम्बन्धित विभिन्न विभागों तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के पारस्परिक समन्वय के साथ लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि विभिन्न विभागों के पारस्परिक समन्वय से दिमागी बुखार तथा वैश्विक महामारी कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री ने 11 जनपदों-मऊ, देवरिया, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, अमेठी, कासगंज, बुलन्दशहर, महोबा, बिजनौर, कुशीनगर एवं औरैया में बी0एस0एल0-2 आर0टी0पी0सी0आर0 प्रयोगशालाओं के शुभारम्भ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 16 महीनों में राज्य में कोरोना टेस्टिंग क्षमता में व्यापक वृद्धि हुई है। प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण का पहला मामला प्रकाश में आया था, तब यहां कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। वर्तमान में प्रतिदिन 04 लाख कोरोना टेस्ट की क्षमता उपलब्ध है। नयी आर0टी0पी0सी0आर0 लैब के शुभारम्भ से सम्बन्धित जनपदों में 24 घण्टे के अन्दर कोरोना जांच के परिणाम प्राप्त हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन प्रयोगशालाओं के शुभारम्भ से प्रदेश के 44 जनपदों में बी0एस0एल0-2 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब की सुविधा उपलब्ध हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक का अत्यधिक महत्व है। तकनीक के माध्यम से ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाना सम्भव हुआ है। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्र’ एप के शुभारम्भ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में स्थापित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन में सहायता मिलेगी। एप के माध्यम से स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति वहां पर उपलब्ध चिकित्सकों, बेड तथा अन्य सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना के प्रयास किये जाएं। इन हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना के लिए जनप्रतिनिधियों, सी0एस0आर0 आदि से सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि हेल्थ ए0टी0एम0 के माध्यम से प्रदेश के दूरदराज के स्वास्थ्य केन्द्रों पर आसानी से विभिन्न जांच की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। साथ ही, टेलीकंसल्टेशन की सुविधा के माध्यम से दूरदराज के रोगियों को भी विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श की सुविधा भी आसानी से प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘शगुन किट’ का अभियान जनजन तक पहुंचाया जाए। यह युवाओं को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में सहायक होगा।

राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में निरन्तर हो रही है वृद्धि : सुरेश खन्ना

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है। आज 11 बी0एस0एल0-2 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब के शुभारम्भ से 44 जनपदों में यह सुविधा उपलब्ध हो गयी है। 22 जनपदों में मेडिकल कॉलेजों में आर0टी0पी0सी0आर0 लैब्स स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित की जा रहीं बी0एस0एल0-3 प्रयोगशालाएं शीघ्र क्रियाशील हो जाएंगी। मुख्यमंत्री द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रदेश की जनसंख्या नीति लॉन्च किये जाने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह जन विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

अत्यधिक जनसंख्या का शहरीकरण, पर्यावरण तथा संसाधनों पर पड़ता है विपरीत प्रभाव : जय प्रताप सिंह

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आज जनसंख्या नीति उत्तर प्रदेश 2021-30 का अनावरण किया जा रहा है। जनसंख्या वृद्धि के सम्बन्ध में पूरे विश्व में वर्षां से चर्चा हो रही है। वर्ष 1987 में विश्व जनसंख्या दिवस मनाये जाने की घोषणा हुई। अत्यधिक जनसंख्या का शहरीकरण, पर्यावरण तथा संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 11 जुलाई से 24 जुलाई, 2021 तक ‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’ थीम पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या नीति के सफल क्रियान्वयन से वर्ष 2052 तक जनसंख्या स्थिरीकरण सम्भव होगा। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पोषण एवं काउंसिलिंग के कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। इनकी जनसंख्या नियंत्रण में अहम भूमिका है।

जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि से डेमोग्राफिक डेविडेण्ड बेमानी हो जाता है : अमित मोहन प्रसाद

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में तैयार की गयी उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति अत्यन्त समावेशी है। इस नीति का उद्देश्य ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ है। जनसंख्या का स्थिरीकरण एक वांछित उद्देश्य है। जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि से डेमोग्राफिक डेविडेण्ड बेमानी हो जाता है। जनसंख्या के सही अनुपात में रहने से ही डेमोग्राफिक डेविडेण्ड का लाभ मिल पाता है। 11 जनपदों में आर0टी0पी0सी0आर0 लैब के शुभारम्भ से प्रदेश के 44 जनपदों में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। जनपद सीतापुर में बी0एस0एल0-2 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब निर्माणाधीन है। मुख्यमंत्री ने शेष जनपदों में भी इन प्रयोगशालाओं की स्थापना का निर्णय लिया है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्र’ एप प्रदेश की तकनीकी सहायता इकाई के माध्यम से बनाया गया है। इससे प्रदेश के मण्डलीय चिकित्सालयों से लेकर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सम्बन्ध में चिकित्सकों की उपलब्धता, दवा की उपलब्धता, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सहित पूरी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह एप प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के नियोजन में सहायक होगा। शीघ्र ही इस एप को आम जनता के लिए भी खोला जाएगा। इससे लोगों को स्वास्थ्य केन्द्रों की लोकेशन एवं पहुंच मार्ग की जानकारी भी मिलेगी।

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