टाटा ग्रुप ने देश को दिए तीन मुख्यमंत्री, जानिए उनके नाम, एक ने तो आज ही शपथ ली है

टाटा ग्रुप ने देश को दिए तीन मुख्यमंत्री, जानिए उनके नाम, एक ने तो आज ही शपथ ली है

रांची (DVNA)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने कॅरियर की शुरुआत टाटा स्टील में करीब तीन वर्ष तक सेवा की थी। एक जुलाई 1989 को केजरीवाल ने ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में योगदान दिया था। करीब डेढ़ वर्ष तक प्रशिक्षु इंजीनियर रहने के बाद उनकी नियुक्त टाटा स्टील के सीईएंडडीडी विभाग में हुई थी, जहां वे करीब डेढ़ वर्ष रहे। वर्ष 1992 में आइआरएस बनने के बाद आयकर विभाग में चले गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास टाटा स्टील में श्रमिक के रूप में सेवा शुरू की थी। वे मुख्यमंत्री बनने तक कंपनी के कर्मचारी रहे। टाटा समूह ने देश को अबतक तीन मुख्यमंत्री दिए हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी टाटा समूह से कॅरियर की शुरुआत की थी। बसवराज बोम्मई ने इंजीनियरिंग करने के बाद 1982 में टाटा मोटर्स के पुणे प्लांट में योगदान दिया था। वे यहां करीब तीन साल तक सेवारत रहे। इसके बाद वे कृषि व उद्योग में व्यस्त हो गए थे। अरविंद केजरीवाल अपने दोस्तों से फोन पर तो बात करते ही रहते हैं, एक बार दोस्तों से मिलने जमशेदपुर भी आ गए थे। 13 सितंबर 2019 को जमशेदपुर आने पर वे बिष्टुपुर स्थित होटल में ठहरे थे। उनके आने की खबर सुनकर होटल पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई थी, लेकिन वे किसी कार्यकर्ता से नहीं मिले। टाटा स्टील में कार्यरत रहे पुराने दोस्तों के साथ लंच व डिनर करके दिल्ली रवाना हो गए थे।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भालूबासा हरिजन विद्यालय, जमशेदपुर से प्रारंभिक शिक्षा। इसी विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कालेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। इसी कालेज से इन्होंने स्नातक विधि की परीक्षा पास की। स्नातक में सफलता हासिल करने के परीक्षा पास की। स्नातक में सफलता हासिल करने के बाद टाटा स्टील में श्रमिक के रूप में कार्य किया। रघुवर दास ने टाटा स्टील में ठेका मजदूर के रुप में काम शुरु किया था। 1978 में उनकी शादी हुई और उसके दस साल बाद 1988 में वे टेम्पररी से परमानेंट मजदूर बन पाए। उनके पिता चवन राम भी टिस्को में ही कार्यरत थे। कर्नाटक के नए सीएम बसवराज बोम्मई ने 1982 में पुणे स्थित टाटा मोटर्स से अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी। बसवराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से की थी।
बाद में पार्टी छोड़कर फरवरी 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 2008 के कर्नाटक राज्य चुनावों में वह हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक शामिल हो गए। 2008 के कर्नाटक राज्य चुनावों में वह हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए। सीएम के रूप में चुने जाने से पहले, बोम्मई पहले गृह मामलों, कानून, संसदीय मामलों और कर्नाटक के विधानमंडल राज्य मंत्री थे। उन्होंने हावेरी और उडुपी जिला प्रभारी मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्होंने पहले जल संसाधन और सहकारिता मंत्री का पद भी संभाला है।

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