कहीं आलू 50 तो कहीं 12 रुपये किलो, 115 से 223 के बीच बिक रहा सरसों तेल

कहीं आलू 50 तो कहीं 12 रुपये किलो, 115 से 223 के बीच बिक रहा सरसों तेल

नई दिल्ली-DVNA । पेट्रोल-डीजल महंगा होने से आपकी जेब पर बड़ा असर पड़ता है। इसकी वजह से न केवल प्रोडक्ट की लागत बढ़ती है बल्कि मालभाड़ा बढ़ जाने से अलग-अलग शहरों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में जमीन-आसमान का अंतर आ जाता है। उदाहरण के लिए 19 जुलाई की आलू, प्याज, टमाटर, सरसों तेल, दूध आदि के रेट ही को लें।
जैसे एक किलो सरसों के तेल (पैक) की कीमत तिरुचिरापल्ली में जहां 223 रुपये थी तो वहीं अहमदाबाद में 115 रुपये। भाड़े का असर ऐसा है कि कई जगहों पर आलू-प्याज और टमाटर के भाव 50 रुपये के पार चले गए हैं। दिमापुर में प्याज 50 रुपये था तो 18 रुपये राजकोट में। वहीं टमाटर की बात करें तो पोर्ट ब्लेयर, तुरा और दिमापुर में यह हॉफ सेंचुरी लगा चुका है, जबकि जादचेरला में केवल 11 रुपये बिक रहा है। आलू हल्द्वानी में 50 रुपये है तो बरेली, सहरसा और बालासोर में 12 रुपये किलो। ये आंकड़े उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के हैं। अंतर केवल सब्जियों ही नहीं बल्कि दाल, तेल, चावल और आटे में भी है। बिलासपुर में 91 रुपये में बिकने वाला मुंगफली का तेल खगडिय़ा आते-आते 238 रुपये का हो गया। वहीं, जादरचेला में वनस्पति 71 रुपये प्रति किलो है तो मैसूर में 233 रुपये। पोर्ट ब्लेयर में खुली चाय 540 रुपये किलो के रेट से बिक रही है तो सहरसा में 128 रुपये। रेट में अंतर पर माल भाड़े के अलावा सामान की क्वालिटी का भी असर पड़ता है।

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