
मुरादाबाद। पाकबड़ा के स्पेयर पार्टस कारोबारी की हत्या 65 हजार रुपये उधार न देने पर कर दी गई थी। तीन ममेरे-फुफेरे भाइयों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया । एसओजी और पाकबड़ा पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। दोनो पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर साढ़े तीन लाख रुपये भी बरामद कर लिए गए । घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एडीजी जोन अविनाश चंद्र ने एक लाख रुपये का पुरुस्कार देने की घोषणाi की।
सनसनी खैज हत्याकांड का खुलासा करते हुए डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि चार जून की रात पाकबड़ा थानाक्षेत्र के मोहल्ला शनिवार का बाजार निवासी संजीव गुप्ता ने अपने छोटे भाई कुलदीप गुप्ता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कुलदीप गुप्ता अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मझोला थानाक्षेत्र के मिलन विहार में में रहते थे। उनकी पाकबड़ा में डींगरपुर तिराहे पर स्पेयर पार्टस की दुकान है। लापता व्यापारी की तलाश में पांच टीमों को लगाया गया था। पांच जून की शाम करीब सात बजे बिजनौर जनपद के स्योहारा थानाक्षेत्र में 45 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना मिली।
मझोला पुलिस और एसओजी ने संदीप गुप्ता को ले जाकर शिनाख्त कराई। तब संजीव ने शव की पहनचान अपने भाई कुलदीप गुप्ता के रूप में की। इसके बाद मुकदमे को हत्या में तरमीम कर दिया गया। विवेचना के दौरान इस घटना मझोला थानाक्षेत्र के लाइनपार चाऊ की बस्ती निवासी नंद किशोर उर्फ नंदू और सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के गांव काजीपुरा निवासी कर्मवीर उर्फ भोलू और उसके भाई रनवीर उर्फ नन्हे के नाम प्रकाश में आए।
पुलिस ने नंदकिशोर उर्फ नंदू और कर्मवीर उर्फ भोलू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में नंदू ने बताया कि उसकी मुलाकात कुलदीप से बुद्धि विहार में एक शादी समारोह में हुई थी। इसके बाद दोनों का एक-दूसरे के घर आना- जाना हो गया । नंदू ने कुलदीप को एक पोलो कार खरीदवाई थी। बाद में उस गाड़ी को बिकवाया । नंद किशोर उर्फ नंदू के पास मोडरोन हैल्थ केयर की फेंचाइजी है। लाकडाउन में काम मंदा हो गया था। इसके अलावा उस पर बैंकों आदि का करीब 25 लाख रुपए कर्ज भी है। कर्ज की किश्त भरने के लिए उसने कुलदीप से दो महीने पूर्व 65 हजार रुपये उधार मांगे थे। कुलदीप ने उसे पैसे तो नहीं दिए लेकिन इस बात को कई लोगों को बताकर समाज में उसकी बदनामी कर दी। इसी को लेकर नंदकिशोर उर्फ नंदू उससे रंजिश रखता था। इसी बदनामी का बदला लेने के लिए वह मौके की तलाश में था। उन्होंने बताया कि कुलदीप को सबक सिखाने के लिए उसने योजना बनाई। इसमें नंदू ने अपनी बुआ के लड़कों रनवीर उर्फ नन्हे और कर्मवीर उर्फ भोलू को भी शामिल कर लिया।
योजना के तहत नंदकिशोर उर्फ नंदू चार जून को मोटरसाइकिल लेकर कुलदीप की दुकान पर गया। किसी मरीज को देखने का बहाना बनाकर उसे अपनी बाइक पर बैठाकर कोठीवाल डेंटल कालेज कांठ रोड ले गया। वहां रनवीर उर्फ नन्हे पहले ही अपनी बुलेरो एंबुलेंस के साथ मौजूद था। कुलदीप गुप्ता को एंबुलेंस में बैठाकर नंदू और नन्हे बिजनौर की ओर ले गए। एंबुलेंस में ही उसकी पिटाई की और दवाब बनाकर उसी से उसकी पत्नी को फोन करके चार लाख रुपए मंगाए । कुलदीप ने पत्नी को फोन कर दुकान पर काम करने वाले नौकर से चार लाख रुपए मंगा लिए। नंदू के कहने पर कर्मवीर उर्फ भोलू उसकी दुकान पर पैसे लेने गया। नंदू ने उससे कह दिया था कि हेल्मेट और मास्क नहीं उतारना है। चार लाख रुपए लेने के बाद भोलू ने नौकर के फोन से ही नंदू से बात की। इसके बाद उसने रकम नंदू के घर पहुंचा दी। उधर रकम मिलने की सूचना मिलते ही नंदू और नन्हे ने एंबुलेंस में रखे भारी टूल्स से कुलदीप के सिर में वार करके उसकी हत्या कर दी। अंधेरा होने के बाद उसके शव को स्योहारा थानाक्षेत्र के गांव गंगाधरपुर के पास सड़क किनारे खंती में फेंक दिया।
डीआईजी ने बताया कि नंदू के घर से साढ़े तीन लाख रुपए भी बरामद कर लिए गए हैं। इस घटना का खुलासा करने वाली पुलिस और एसओजी टीम को एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र ने एक लाख रुपए का पुरस्कार देने का ऐलान किया है।
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