चाणक्य नीति: कोई कितना भी मांगे ये 1 चीज़ कभी किसी के हाथ में गलती से भी मत देना

 नई दिल्ली। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे 'कौटिल्य' नाम से भी विख्यात हैं। वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। उन्होने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया।

उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है।

चाणक्य अपनी चाणक्य नीति में कहते हैं कि आपको कभी भी अपने रहस्य किसी और के हाथों में गलती से भी नहीं देने चाहिए यानी कि आपको अपने राज़ अपने किसी भी दोस्त या अपने रिश्तेदारों को नहीं बताना चाहिए क्योंकि समय आने पर जब वह आपसे दुखी होगा या नाराज होगा तो वह आप से बदला लेने के लिए आपके राज को खोल कर रख देगा और जिससे आपको काफी नुकसान हो सकता है।

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य भी कहते हैं कि आपको कभी भी किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए चाहे वह आपका प्रिय मित्र हो या फिर आपकी प्रिय पत्नी और ना ही आपको इन्हें अपने रहस्य बताने चाहिए क्योंकि आपके रहस्य आप की सबसे बड़ी कमजोरी होती है जो यदि सबके सामने आ गए तो समाज में आप की काफी निंदा भी हो सकती है इसलिए अपने रहस्य किसी और के हाथों में भूलकर भी ना दें ।

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