इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए RBI ने 50,000 करोड़ रुकी मदद का किया ऐलान

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शशिकान्त दास ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। आरबीआई गवर्नर ने कहा की सेन्ट्रल बैंक कोविड की परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत में रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। आरबीआई गर्वनर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा पहली लहर के बाद इकोनॉमि में बेहतर रिकवरी देखी गई थी।

उन्होंने उम्मीद जताई की अच्छे मानसून की वजह से गांवों में मांग बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार को देखते हुए व्यापक और त्वरित कार्रवाइयों की आवश्यकता है। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक कोविड-19 से जुड़ी उभरती परिस्थितियों पर अपनी नजर बनाए रखेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन और अन्य कोविड - प्रेरित प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचने की आशंका है। इश दौरान दास ने इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। इसके जरिए बैंक वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स, वैक्सीन ट्रांसपोर्ट, एक्सपोर्टर्स को आसान किस्तों पर लोन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा हॉस्पिटल्स, हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राइरोरिटी सेक्टर के लिए जल्द लोन और इंसेंटिव दिया जाएगा।
फार्मा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरबीआई ने बड़ा ऐलान किया। राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फैसीलिटी दी जाएगी। ओवरड्राफ्ट में राज्यों को रियायत मिलेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्रायोरिटी सेक्टर के लिए कोविड लोन बुक बनाए जाएंगे। बैंक इनके लिए कोविड लोन बुक बनाएंगे। रिवर्स रेपो के तहत 40 आधार अंक अधिक अर्जित करेंगे।
आरबीआई ने 10,000 करोड़ रुपए तक के स्मॉल फाइनेंस बैंकों (स्स्नक्च) के लिए लंबी अवधि के रेपो ऑपरेशन की घोषणा की। इसका उपयोग प्रति उधारकर्ता 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए केवाईसी नियम में कुछ बदलाव किए गए हैं। वीडियो के जरिए केवाईसी को मंजूरी दी गई है। आरबीआई ने 1 दिसंबर 2021 तक लिमिटेड केवाईसी के उपयोग की अनुमति दी है।

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