
विनोद मिश्रा
बांदा। चित्रकूट कारागार में गैंग वार के बाद बांदा कारागार में डान विधायक की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है।वैसे भी पंजाब के रूपनगर से बांदा जेल में शिफ्टिंग से पहले और बाद में माफिया मुख्तार अंसारी आसपास के जिलों की जेलों में अपने मोहरे फिट करने में जुटा था। ये बात चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार से सामने आई है। मेराज उसका बेहद करीबी था। उसे मार्च में वाराणसी से चित्रकूट जेल शिफ्ट किया गया था। अब चर्चा है कि आसपास जिलों की जेलों में उसके गुर्गे हो सकते हैं।
बांदा मंडल कारागार में माफिया मुख्तार पहले भी बंद रह चुका है। जेल में निरुद्ध रहने के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी तो जिला अस्पताल लाए जाने पर कुछ ही क्षण में उसके दर्जनों करीबी जेल पहुंच गए थे। तब पता चला था कि मुख्तार के स्वजन यहां एक खास के घर में शरण लिए थे। वहीं, घनी बस्तियों व पॉश इलाके के मकानों को किराये पर लेकर उसके खास शूटर शरण पाए थे। यही वजह रही कि माफिया के फिर बांदा जेल शिफ्ट होने पर पुलिस व खुफिया ने ऐसे सभी मोहल्लों पर अपनी नजरें गड़ा दी थीं, जहां पूर्व में उसके खास लोग शरण लिए थे। सूत्रों के मुताबिक, इस बार उसके खास लोगों ने अपनी चाल बदल दी है। पहले की तरह बाहर के नंबर की गाड़ियां, इस बार शहर में नजर नहीं आ रही हैं। वजह, पुलिस की रणनीति जाहिर हो गई थी कि बाहर के नंबर वाली गाड़ियों पर उसकी पैनी नजर रहेगी। कयास है कि माफिया के कुछ खास लोग शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में छिपे हैं।
रमजान की शुरुआत में ही प्रयागराज से आए खुद को वकील बताने वाले शख्स ने मुख्तार से मुलाकात की कोशिश की थी, लेकिन कोरोना का हवाला देकर इजाजत नहीं मिली थी। यह जरूर है कि उनका लाया ब्रांडेड कंपनियों का सामान सुरक्षा जांच के बाद जेल में भिजवा दिया गया था।
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी मंडल कारागार की करीब 50 सीसीटीवी कैमरों से चप्पे-चप्पे की निगरानी के साथ लखनऊ मुख्यालय से मानीटरिग हो रही है। माफिया की बैरक के आसपास किसी को फटकने की इजाजत नहीं है। पांच बॉडी वार्न कैमरों के साथ ही ड्रोन कैमरा भी जेल प्रशासन को मुहैया कराया गया है।लेकिन सूत्र बताते हैं कि इन सबकी सार्थक उपयोगिता का इस्तेमाल नहीं हैं! कथित तौर पर मंडल कारागार में उसके राजसी ठाट-बाट पूरे हैं।
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना कहते हैं किअभी तक ऐसा कोई माला संज्ञान में नहीं आया है। इस बाबत एलआइयू ने भी अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इस बाबत एलआइयू ने भी अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी है।
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