अब तहसील व ब्लाक मुख्यालयों पर तत्काल प्रभाव से स्थापित होगा कोविड कन्ट्रोल रूम

गोण्डा। कोविड नियंत्रण में खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा अपेक्षित रूचि न लिए जाने पर डीएम मार्कण्डेय शाही ने सख्त आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी श्री शाही ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सभी खण्ड विकास अधिकारियों से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त कर लें कि विकासखण्ड स्तर पर निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करा लिया गया है तथा सभी ब्लाक मुख्यालयों पर तत्काल प्रभाव से कोविड कन्ट्रोल रूम स्थापित कर विधिवत् क्रियाशील करा दिया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा है कि आगामी दिनों में वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से तथा स्वयं क्षेत्र भ्रमण कर विकासखण्ड स्तर पर स्थापित कराए गए कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण किया जाएगा तथा निर्देशों का सम्यक् अनुपालन न पाए जाने की स्थिति में खण्ड विकास अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। इसके साथ ही विकासखण्ड मुख्यालय की भांति सभी सी0एच0सी0 पर तथा तहसील मुख्यालयों पर भी कन्ट्रोल रूम स्थापित कराया जाए और वहां पर भी लैंडलाइन फोन, कार्मिकों की पालीवार अहर्निश ड्यूटी तथा आवश्यक पंजिकाओं का अनुरक्षण कराते हुए प्रभावी रूप से संचालन कराया जाएगा तथा सभी अधीक्षक एवं उप जिलाधिकारीगण इसे अपने व्यक्तिगत पर्यवेक्षण में सुनिश्चित कराते हुए अनुपालन से अबिलम्ब अवगत करायेंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 की द्वितीय लहर के कारण जनपद में संक्रमण से प्रभावित लोगों को चिन्हित कर उन्हें बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ, संक्रमण पर प्रभावी अंकुश लाने हेतु अधिक से अधिक लोगों की जांच, सिम्पटोमेटिक लोगों की सैम्पलिंग, टेस्टिंग तथा पॉजिटिव मरीजों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं कॉन्टैक्ट में आए व्यक्तियों की सैम्पलिंग व टेस्टिंग का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। इस कार्य में चिकित्सा, राजस्व, विकास, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार सहित अन्य विभागीय अधिकारियों/कार्मिकों द्वारा अहर्निश सेवाएं दी जा रही हैं। परन्तु यह अनुभव किया गया है कि कतिपय खण्ड विकास अधिकारियों के स्तर पर उनके विकासखण्ड अन्तर्गत संचालित गतिविधियों की सघन समीक्षा नहीं की जा रही है तथा विकासखण्ड स्तर पर वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था में सुधार लाने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करने, इस कार्य में लगाई गई आर0आर0टी0 व निगरानी समितियों से नियमित संवाद कायम करते हुए उन्हें अपेक्षित सहयोग प्रदान करने हेतु सभी विकासखण्ड मुख्यालयों पर एक-एक डेडिकेटेड कन्ट्रोल रूम तत्काल प्रभाव से क्रियाशील कराया जाए जो 24 Û 7 क्रियाशील स्थिति में रहे और वहां पर दक्ष कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए।
जिलाधिकारी ने आदेश दिए हें कि प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय पर तत्काल प्रभाव से कोविड-19 कन्ट्रोल रूम क्रियाशील कराया जाए जहां पर एयरटेल, जियो, वोडाफोन या बी0एस0एन0एल0 में से किसी एक कम्पनी (जिसकी कनेक्टिविटी व सेवाएं बेहतर हों) के 02 लैण्डलाइन फोन की व्यवस्था करा दी जाए। कन्ट्रोल रूम में 8-8 घंटे की 03 पाली में कार्मिकों की ड्यूटी लगा दी जाए। ड्यूटी आर्डर की प्रति (कार्मिकों के नाम तथा उनकी पाली के विवरण सहित) कन्ट्रोल में अनुरक्षित की गई पंजिका के प्रथम पृष्ठ पर चस्पा करा दी जाए, ताकि निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों को यह ज्ञात करने में सुविधा रहे कि सम्बन्धित पाली में कौन कर्मचारी ड्यूटी पर हैं। इसके अलावा इस कन्ट्रोल रूम में, जिला मुख्यालय पर स्थापित एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, जिला चिकित्सा अधिकारी (पुरूष), जिला महिला चिकित्सालय, कोविड चिकित्सालयों सहित जनपद की सभी 17 सी0एच0सी0 तथा तहसील के कन्ट्रोल रूम के नम्बर अवश्य उपलब्ध रहें। इन नम्बरों की सूची पंजिका के द्वितीय पृष्ठ पर चस्पा कराया जाए। विकासखण्ड के कन्ट्रोल रूम में उनके विकासखण्ड अन्तर्गत नियुक्त आर0आर0टी0 का विवरण उपलब्ध रहे तथा आर0आर0टी0 प्रभारी व टीम के सभी सदस्यों के नाम व उनके सम्पर्क नम्बरों की सूची पंजिका के तृतीय पृष्ठ पर चस्पा कराई जाए।
        प्रत्येक विकासखण्ड में आ0आर0टी0 तथा निगरानी समितियों के कार्यों के पर्यवेक्षण उनके मार्गदर्शन के निमित्त जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। उन्होंने स्पश्ट निर्देश दिए हैं कि कन्ट्रोल रूम में यह जानकारी उपलब्ध होना आवश्यक है कि उनके विकासखण्ड में कितने जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात हैं और उन्हें किन ग्राम पंचायतों के पर्यवेक्षण का दायित्व दिया गया है। खण्ड विकास अधिकारीगण अपने विकासखंड से सम्बन्धित विवरण पंजिका के चतुर्थ पृष्ठ पर चस्पा करायेगें। इसके साथ ही जनपद में ग्राम पंचायतवार निगरानी समितियों का गठन किया गया है। कन्ट्रोल रूम में ग्रामपंचायत वार निगरानी समितियों का विवरण (उनके नोडल तथा सदस्यों को नाम, सम्पर्क नंबर) यहां पर अनुरक्षित पंजिका में पंचम पृष्ठ पर चस्पा कराया जाए।
           जिलाधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कन्ट्रोल रूम में खण्ड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में प्रतिदिन एक बार कोर कमेटी की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी जिसमें विकासखण्ड के लिए नामित जोनल मजिस्ट्रेट, खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सम्बन्धित सी0एच0सी0 अधीक्षक तथा ए0डी0ओ0 पंचायत अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे और इस बैठक में कोविड प्रबन्धन से संबंधित बिन्दुओं पर विमर्श करते हुए आर0आर0टी0 तथा निगरानी समितियों के कार्यों की समीक्षा, शिकायतों व समस्याओं के निस्तारण की स्थिति, विभिन्न कार्यों के लिए लगाए गए कार्मिकों की ड्यूटी पर उपस्थिति तथा उनके द्वारा सम्पादित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा अवश्य की जाएगी। कोर कमेटी द्वारा टीकाकरण का आच्छादन बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु रणनीति तय करते हुए इसमें जनसहभागिता बढ़ाने पर भी गंभीरता से चर्चा की जाएगी। खण्ड विकास अधिकारी प्रतिदिन की बैठक का कार्यवृत्त तैयार कराकर इसे वाट्सएप के माध्यम से प्रभारी अधिकारी इन्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर के साथ साझा किए जाएगा। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि दिए गए निर्देशों के अनुपालन में किसी प्रकार की कोताही महामारी के प्रबन्धन में गंभीर लापरवाही मानी जाएगी और निर्देशों का उल्लंघन सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध महामारी नियंत्रण अधिनियम के अन्तर्गत अभियोजन की कार्यवाही का कारक बनेगी।  

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