लॉकअप में फूट-फूटकर रोया सुशील कुमार, खाना-पीना भी छोड़ा: सागर मर्डर केस मामला

लॉकअप में फूट-फूटकर रोया सुशील कुमार, खाना-पीना भी छोड़ा: सागर मर्डर केस मामला

नई दिल्ली-डीवीएनए। ओलंपिक में भारत के लिए दो बार गोल्ड मेडल जीतने वाले सुशील कुमार की हिम्मत और ताकत सलाखों के पीछे पहुंचते ही टूट गई। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात को पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड मामले में सुशील कुमार पुलिस की पूछताछ में कई बार रो पड़ा। सुशील कुमार ने पुलिस अधिकारियों के सामने गलती स्वीकारी और अपने किए पर पछतावा जताया। पहलवान सागर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद सुशील मॉडल टाउन थाने में पुलिस रिमांड पर है।
मॉडल टाउन थाना पुलिस के मुताबिक, थाने में पहुंचते ही सुशील कुमार उसके साथी अजय को लॉकअप में बंद किया गया। लॉक अप में जाते ही सुशील फूट-फूट कर रोने लगा। आम अपराधी की तरह उसे भी थाने के फर्श पर बैठाया गया। पुलिस अधिकारी के सामने वह बच्चों की तरह रो रहा था। आधे घंटे तक सुबकने के बाद उसे जांच अधिकारी के कमरे में बैठाया गया।
क्राइम ब्रांच की हिरासत में सुशील ने पूरी रात जागकर बिताई। यहां तक कि उसने भोजन करने से भी मना कर दिया। वह रात में भी कई बार रोया। पुलिस के अनुसार तड़के दो घंटे के लिए सुशील को नींद आई थी। फिर सुबह कानूनी प्रक्रिया आदि के लिए उसे जगा दिया गया। हालांकि सुशील का साथी अजय पुलिस हिरासत में शांत होकर बैठा था और उसने भोजन भी किया।
गौर हो कि पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 23 मई को गिरफ्तार किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश करने के बाद अभी वह दिल्ली पुलिस की रिमांड पर हैं। सुशील के साथ उनके साथी को भी गिरफ्तार किया गया है।
दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान सुशील काफी दिनों से इस मामले में फरार थे। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस और गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
सुशील ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद दिल्ली के मॉडल टाउन एसीपी के नेतृत्व में दो इंस्पेक्टर और एक दर्जन पुलिसकर्मी उनकी तलाश में पंजाब गए थे।
सुशील और उनके साथी को मोबाइल ट्रेसिंग के जरिए ढूंढ़ा गया। उनके खिलाफ पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। उनके साथी अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम था।

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