मनरेगा में हुआ लाखों का घोटाला, बिना कार्य के हुआ लाखों का भुगतान

महराजगंज। गांव में सरकार बनने जा रही है लेकिन सरकार बनने से पहले ही पिछली सरकार में यहां मनरेगा मे लाखों रूपये के घोटाले को अंजाम दे दिया गया, यानी यह घोटाला उस समय किया गया जब ग्राम पंचायतों के कार्यकाल खत्म हो रहे थे, यहां दर्जनों गांव में मनरेगा के पक्के कार्य मे लाखों के भुगतान होने के बाद भी अब तक कार्य नही हुए है, ऐसे में इसे घोटाला नही कहेंगे तो क्या कहेंगे, अधिकारी तो मस्ती में है वह चाहते है मामला ही न खुले और खेल खत्म हो जाए।

बताते चले कि मनरेगा योजना से कार्य करने के बाद ही भुगतान किया जाता है लेकिन सिसवा विकास खण्ड में इस नियमों की धज्जिया उड़ोत हुए बिना कार्य के ही मनरेगा योजना में पक्के कार्यो का भुगतान कर दिया गया, 31 मार्च 2021 को दर्जनो गांव मे पक्के कार्यो जैसे इंटरलाकिंग का भुगतान हुआ जब कि 31 मार्च तक कार्य हुआ ही नही था, कुछ तो चुनाव बाद किसी तरह मानक की खुल कर धज्जियां उड़ाते हुए मामले इंटरलाकिंग कार्य करवा रहे है तो तमाम गांव ऐसे भी है जहां लाखों का भुगतान तो हो चुका है लेकिन अब तक कार्य ही नही हुआ है, इतनी बड़ी खेल को कोई बिना अधिकारियों के मिली भगत से कैसे खेल सकता।

सिसवा विकास खण्ड के ग्राम सोनवर्षा में भी यही खेल खेला गया है, 31 मार्च 2021 का हुए इंटरलाकिंग के भुगतान को देखा जाए तो लाखों का भुगतान हो चुका है लेकिन अब तक इंटरलाकिंग हुयी ही नही है। इतना ही नही अप्रैल मे ंजब चुनाव चल रहा था तो यहां मनरेगा के लाखों रूपयों के कच्चे कार्य कराए गये लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है, फाइलों में कच्चे कार्य हो गये, मस्टरोल भर दिया गया लेकिन कोई कार्य ही नही हुआ है।

मनरेगा में एडवांस भुगतान का नियम ही नही है, कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित अधिकारियों द्वार कार्यो की जांच होती है इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है, फिर भुगतान होता है लेकिन यहां तो अधिकारियों की मिली भगत से फाइलें में इंटरलाकिंग कार्य पूर्ण दिखा कर भुगतान करवा लिया गया जब कि कार्य हुआ ही नही है।

अब यहां सवाल यह है कि मनरेगा के इस लूट में कौन कौन कितने के हिस्सेदार है जो इस लूट के खेल को अंजाम दिया, जांच हो तो बड़े घोटाले सामने आ सकते है।

Post a Comment

0 Comments