ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कमान फिर कालाबाजारियों के हाथों में

इंदौर। ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कमान फिर कालाबाजारियों के हाथों में चली गई है। डीन द्वारा जो फॉर्म पर हस्ताक्षर कर दिए जा रहे थे अब ऐसा नहीं होगा बताया जा रहा है कि अब सीधे ये इंजेक्शन अस्पतालों में दिए जाएंगे। जबकि पूर्व में रेमडेसिविर इंजेक्शन के बारे में भी यही कहा था और यह नेताओं के हाथ में पहुंच गए अभी ऐसा ही होगा। इधर समाजसेवी नितिन रघुवंशी ने कहा कि अगर इन इंजेक्शन को देकर कालाबाजारी की शिकायत मिली थी वह गांधी प्रतिमा पर धरना देंगे। इधर ब्लैक फंगस इंजेक्शन को लेकर मारामारी चल रही है। इंजेक्शन की कमी से मरीजों को माकूल इलाज नहीं मिल पा रहा है।

डॉक्टर का कहना है कि हम भी क्या करें यह इंजेक्शन बेहद जरूरी है। सूत्रों की मानें तो अभी तक मेडिकल कॉलेज डीन डॉक्टर संजय दीक्षित द्वारा अस्पताल के माध्यम से जो फॉर्म पर हस्ताक्षर कर स्टॉकिस्ट से इंजेक्शन खरीदे जा रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब कमान नेताओं के हाथों में पहुंच गई है जबकि कहा जा रहा है कि स्टॉकिस्ट सीधे इंजेक्शन अस्पताल में ही देगा लेकिन यह नामुमकिन है क्योंकि नेता ऐसा होने नहीं देंगे। क्योंकि रेमडेसिविर इंजेक्शन भी नेताओं में अपने खास कार्यकर्ताओं को दिए थे और उन्होंने महंगे दामों पर भेज दिए थे। ऐसा ही ब्लैक फंगस के इंजेक्शन को लेकर हो सकता है। इधर डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाला एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसलिए एंटी फंगल गोलियों के माध्यम से इलाज किया जा रहा है।  

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