
चित्रकूट-डीवीएनए। जिला जेल रगौली में खूनी संघर्ष की जांच कर रही कमेटी को जेल के सीसीटीवी से अहम सुराग मिले हैं। 13 मई की रात तकरीबन 9.21 बजे जेल का बन्दी रक्षक जगमोहन जेल आया था, जबकि छह मई को जगमोहन कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने से उसे आइसोलेट की हिदायत दी गई थी। वह जेल रजिस्टर में बिना इंट्री किये अन्दर करीब 20 मिनट तक रहा है।
जेल सूत्रों ने आशंका जताई कि रात में बन्दी रक्षक जगमोहन अंशुल दीक्षित से मिला था। पुलिस मुठभेड दौरान भी वह मौके पर अंशुल को बार-बार आत्मसमर्पण को कह रहा था। बुधवार को जांच दौरान बन्दी रक्षक जगमोहन के आने-जाने की घटना सीसीटीवी में कैद हो चुकी थी। जांच टीम ने इस मामले में जगमोहन से पूंछताछ की तो उसने बताया कि जेल अस्पताल में दवा लेने आया था। जांच टीम ने इस दावे की सच्चाई जानने को जेल के डॉक्टर और ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग अर्दली से पूंछा तो उन्होंने जगमोहन के दावे को खारिज कर दिया।
काबिलेगौर है कि 14 मई को बदमाश मुकीम व मेराज की हत्या के बाद पुलिस टीम जब जेल में गई तो उसी बीच जगमोहन भी जेल में दाखिल हुआ था। जगमोहन हत्यारे अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने को बार-बार समझाते हुए देखा गया है। बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय भी यही जगमोहन वहां बन्दी रक्षक था। उसकी जेल में तैनाती और कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 13-14 मई को घटना स्थल पर मौजूद होने पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
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