
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक नर्स 9 महीने की गर्भवती होने के बावजूद भी कोविड वार्ड में डयूटी करती रही। इस दौरान वह संक्रमित हो गई। बच्ची को जन्म देने के बाद वो 21 दिनों तक वायरस से जंग लड़ते रही और आखिर में उसकी मौत हो गई।
इस नर्स का नाम प्रभा बंजारे है. वह मूल रूप से कवर्धा जिले के लिमो गांव की रहने वाली थी। जिसकी पोस्टिंग मुंगेली जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थी। कोरोना के कारण किराए पर कमरा लेने के कारण वह परिवार से दूर रह रही थी।
इस दौरान वह 9 महीने की गर्भवती भी थी। घर पर उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। लेकिन इसके बाद भी वह मरीजों को बचाने के लिए दिन-रात अपनी ड्यूटी करती रही। प्रभा के पति भेसराज ने बताया कि परिवार के मना करने पर भी वह ड्यूटी पर जाती थी। उसने कहा कि इस समय हम घर पर नहीं बैठ सकते। क्योंकि देश को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है।
30 अप्रैल को प्रभा को प्रसव पीड़ा हुई और उन्हें कवर्धा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसने सिजेरियन ऑपरेशन की मदद से एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जब नर्स प्रभा ने अपना टेस्ट कराया तो वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई। जबकि उसकी बच्ची निगेटिव है। इसके बाद नर्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इस दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा।
फेफड़ों में संक्रमण 80 प्रतिशत तक फैल गया। डॉक्टरों ने नर्स को रायपुर रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान 21 मई को उसकी मौत हो गई।
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