ब्लैक फंगस से निपटने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला, एम्फोटेरिसिन-बी के लिए 5 और कंपनियों को दिया लाइसेंस

नई दिल्ली।  भारत सरकार ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) से निपटने के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 5 और कंपनियों को लाइसेंस दिया है जो ये बनाने में सक्षम है। एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का इस्तेमाल ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है।

केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दुनिया में जहां भी यह इंजेक्शन उपलब्ध है, वहां से इसे खरीदा जाए। प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद दुनियाभर में भारतीय अधिकारी इस दवाई की सप्लाई सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया, इन प्रयासों के बाद अमेरिकी फार्मा कंपनी गिलिएड साइंसेस मायलन के जरिए तेजी से (एम्फोटेरिसिन-बी) की सप्लाई भारत को कर रहा है। अब तक 1,21,000 इंजेक्शन भारत पहुंच चुका है। वहीं 85,000 शीशी जल्द पहुंचने वाला है।

गिलिएड साइंसेस मायलन कंपनी के जरिए 10 लाख डोज सप्लाई करेगी। इसके अलावा कंपनी दूसरे देशों में उपलब्ध स्टॉक को वापस ले रही है, जिसे भारत सप्लाई किया जाएगा। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 5 और कंपनियों को लाइसेंस दिया है।

देश में अब तक ब्लैक फंगस के 11,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में हैं। दिल्ली सरकार ने भी बताया कि ब्लैक फंगस के 620 मामले आ चुके हैं, लेकिन इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, कल भी 400 मिले थे। जबकि एक मरीज को 6 के करीब इंजेक्शन रोज लगने होते हैं। लेकिन हमें सिर्फ 400 मिल रहे हैं। जबकि 3500 चाहिए, इसलिए इलाज में दिक्कत आ रही है।

महाराष्ट्र में अब तक 2700 से ज्यादा, गुजरात में 2,859 और आंध्र प्रदेश में 768 केस दर्ज किए जा चुके हैं। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने बताया कि एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 29,250 अतिरिक्त शीशियां सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले 24 मई को 19,420 और 21 मई को 23,680 इंजेक्शन की सप्लाई की गई थी।

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