
लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने ऐसी तबाही मचाई है, जिससे उबर पाना बहुत चुनौती भरा होगा। खासतौर पर उन बच्चों के नाजुक मन से महामारी की कड़वी यादें शायद ही कभी विस्मृत हों, जिनके माता-पिता कोरोना वायरस के चलते काल के गाल में समा गए।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के आंकड़े बताते हैं कि कोविड संक्रमण के चलते सूबे में अब तक 555 बच्चे अपने माता-पिता या इनमें से किसी एक को गंवा चुके हैं। अब अपनों के नाम पर उनके करीबी रह गए हैं। गौतमबुद्ध नगर में भी ऐसे 26 बच्चों को चिन्हित किया गया है। इनमें 22 बच्चों के माता या पिता की संक्रमण से मौत हो गई है। जबकि 4 मासूमों के माता-पिता दोनों महामारी की वजह से दुनिया छोड़ गए।
प्रदेश में 101 मासूमों ने अपने माता-पिता दोनों को गंवा दिया
उत्तर प्रदेश राज्य महिला और बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते अब तक प्रदेश में 555 मासूमों के माता-पिता या इनमें से किसी एक की जान चली गई है। जबकि पूरे प्रदेश में 101 मासूमों ने अपने माता-पिता दोनों को गंवा दिया है। फिलहाल ये सभी अपने दादा-दादी या करीबी संबंधियों के पास हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इनकी देखभाल और परवरिश की जिम्मेदारी उठा रही है। लेकिन महामारी की वजह से जो घाव उन्हें मिले हैं, उसकी भरपाई कर पाना बहुत मुश्किल होगा। कोरोना वायरस की वजह से गौतमबुद्ध नगर में भी 26 मासूमों को इस भयंकर त्रासदी से गुजरना पड़ा है।
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