जैविक खेती को बढ़ावा देने इस बार समितियों से किसानों को लेना होगा 40 प्रतिशत वर्मी खाद

महासमुंद। रसायनिक खाद के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों को बेहतर विकल्प दे रही है । वह है वर्मी खाद। इस साल खरीफ सीजन में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को समितियों के माध्यम से वर्मी खाद  देना तय किया गया है। किसानों को वर्मी खाद से खेती करने के लिए जागरुक किया जा रहा है, लेकिन समितियों से कर्ज लेने वाले किसानों को 40 प्रतिशत वर्मी खाद लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी जो किसान सहकारी समितियों से खेती किसानी के लिए कर्ज लेगा वह 40 प्रतिशत वर्मी खाद खरीदेगा।

बता दें कि इस खाद की कीमत भी रासायनिक खाद से काफी कम है । वर्मी खाद से यदि किसान खेती करते है, तो उन्हें फायदा मिलेगा। इस बार जिले के गोठानों में वर्मी खाद तैयार पहले से ही कर लिया गया है । सरकार 2 रुपए प्रति किलो गोपालकों से गोबर खरीदकर गोठानों में इसे महिला समूह द्वारा तैयार कराया है । बता दें कि रसायनिक खाद के मुकाबले इसक दाम 50 प्रतिशत कम है । सीमांत व लघु किसानों के लिए वर्मी खाद के कोटे भी तय किए गए हैं । इससे राहत भी मिलेगी ।  जिला सहकारी बैंक के नोडल अफसर डीएल नायक ने बताया कि समितियों से कर्ज लेने वाले किसानों को 40 प्रतिशत वर्मी खाद लेना अनिवार्य है । खाद का वितरण शुरू हो गया है।

40 हजार मिट्कि टन रसायनिक खाद की खपत 
जिले में वषर्् 2020-21 में 1,363914 किसानों ने खेती किसानी के लिए 40 हजार मिट्रिक टन का उपयोग किया था । इस साल 16 हजार 375 मिट्रिक टन रसायनिक खाद का स्टॉक हुआ है । रासायनिक खाद स्टॉक करने का सिलसिला जारी है । वहीं वर्मी खाद भी 20 हजार क्विंटल समितियों में स्टॉक कराया गया है । इस स्टॉक के खत्म होने के बाद वर्मी स्टॉक किया जाएगा । फिलहाल किसानों को समितियों से वर्मी खाद दिया जाएगा । 

10 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगी खाद 
किसानों को दस रुपए प्रति किलो के हिसाब से वर्मी खाद का वितरण किया जाएगा । एक बैग में 30 किलो वर्मी है । इस तरह एक बैग की कीमत 300 रुपए में मिलेगी । रसायनिक खाद 50 किलो की एक बोरी 900 से 1200 रुपए तक मिल रही है । किसानों को प्रति हेक्टेयर सिंचिंत पर समिति 18 हजार लोन समिति देगी । असिंतिच भूमि वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 15400 रुपए तक खाद, बीज व दवाई के लिए लोन मिलेगा । 

सीमांत किसाना को खरीदना है 3 से 6 बैग
जानकारी के अनुसार सिंचिंत वाले सीमांत किसान को 3 से 6 बैग वर्मी खरीना है । लघु किसान को 6 से 12 बैग वर्मी देंगे । बड़े किसानों को 12 से 20 और असिंचित भूमि वाले सीमांत किसानों को 2 से 4 बैग वर्मी का वितरण करेंगे ।

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