बुलेटप्रूफ व हाईटेक नहीं कबाड़ है एम्बुलेंस, अंदर मिली एक्सपायर दवाएं, सीट टूटी

राकेश पाण्डेय

लखनऊ।  रोपण से बाराबंकी लायी गयी एंबुलेंस की लूमेक्स लाइट टूटी है। अगला बपर क्षतिग्रस्त है। अंदर रखे फस्ट एड बाक्स की दवाएं एक्सपायर और सीट जैक के सहारे थी। 

पुलिस के बयान पर चटखारे ले रहे लोग व जांच अधिकारी

यही नहीं एंबुलेंस में लगे ऑक्सीजन सिलिंडर में लगी जंग से उसकी कोई तिथि नहीं दिख रही थी। यही नहीं जिस पंजीयन नंबर को लेकर हलचल मची उसकी नंबर प्लेट तार से बंधी थी। बाहर से भी ओवरआल देखने में एंबुलेंस अनफिट लग रही थी। निरीक्षण के बाद सामने आए तथ्यों के बाद चर्चाएं होने लगी कि मुख्तार इस एंबुलेंस की नंबर प्लेट प्रयोग करता था।

बड़ा खुलासा : कबाड़ हो चुकी है लावारिस मिली एम्बुलेंस

यह उस एंबुलेंस का हाल है जो बाराबंकी में फर्जी पते पर पंजीकृत है और इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जाना बताया जा रहा है। बहुचर्चित प्रकरण में मऊ की डॉ. अलका राय पर मुकदमा भी कराया जा चुका। पंजाब गई टीम लावारिस हालात में खड़ी यूपी 41 एटी 7171 नंबर की एंबुलेंस बरामद कर ले आई। इसको देखकर कहीं से लगता ही नहीं था कि मुख्तार इसका प्रयोग करता होगा। 

हालत देख भौचक्की रह गये एडीजी सावंत कहा चलकर कैसे आयी

यही कारण था कि जब एडीजी लखनऊ जोन डॉ. एसएन सावत इसका जायजा लेने पहुंचे तो देखते ही बोले- यह चलकर आई है! दो अगले टायर नए और पिछले पुराने प्रतीत हो रहे थे। इस पर एडीजी ने एसपी को पंजाब में जांच को रुके सीओ नवीन सिंह से टायर कहां बदले गए पता कराने को कहा। 

बुलेटप्रूफ होने का हवाई दावा बना मजाक अफसर स्तब्ध

एंबुलेंस के प्रति यह नजरिया केवल एडीजी का ही नहीं वहां मौजूद अन्य अधिकारी व लोगों का था। एडीजी ने परिवहन विभाग के आरआइ से यह तकनीकी जांच करने को भी कहा कि बुलेट प्रूफ बताई जाने वाली यह एंबुलेंस कभी बुलेट प्रुफ रही थी क्या?

जांच के बाद हो गयी पुष्टि

सुल्तानपुर से आए आर आइ लक्ष्मीकांत ने प्रारंभिक मुआयने में ही बताया कि यह बुलेट प्रूफ नहीं है। मौके पर पुलिस विभाग की परिवहन शाखा के आरआई भी मौजूद रहे।

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