कूड़ा बीनने वाले बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उनका भविष्य संवार रही यह शिक्षिका

अज़हर मलिक

रुद्रपुए। जहां शिक्षा एक तरफ व्यवसाय में तब्दील होती जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार शिक्षा की दशा सुधारने को लेकर करोड़ों का खर्च करते हैं लेकिन जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में एक सरकारी शिक्षिका ऐसी हैं, जो भीख मांगने ओर कूड़ा कचड़ा बीनने वाले बच्चो का भविष्य संवारने में जुटी हुई हैं। 

जो बच्चे आज से पहले भीख मांगते थे ओर कूड़ा बीनने थे वह बच्चे आज स्कूल में पढ़ लिख रहे है और बड़े होकर आईपीएस अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं। 

भले ही कोरोना की मार ने सभी स्कूल बंद करा दिए हैं लेकिन ये शिक्षिका नहीं मानी जहां इन बच्चों को इनके घर घर जा कर इन्हें शिक्षा दे रहीं थी। आज ये 61 ऐसे बच्चे पढ़ रहे है, जो इससे पहले रुद्रपुर की गलियों में भीख मांगने ओर कूड़ा बीनने का काम करते थे। 

उस समय उधम सिंह नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी स्वर्गीय डॉक्टर अक्षत गुप्ता ने ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए मिशन आगाज अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान में इन बच्चों को ना सिर्फ शिक्षा सम्बन्धी सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गई थी, बल्कि कुछ चुनिंदा शिक्षकों को इन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस दौरान ही जिलाधिकारी डॉक्टर अक्षत गुप्ता की ह्रदयघात से मौत हो गई थी। 

उसके बाद डॉक्टर गुप्ता द्वारा शुरू किया गया मिशन आगाज अभियान सुस्त पड़ता गया। अब इस अभियान को गायत्री पांडेय आगे बढ़ाने का काम कर रही है। 

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