शवों के निस्तारण को लेकर मेडिकल कॉलेज में परिजनों का हंगामा

विनोद मिश्रा
बांदा।
कोरोना वायरस ने यहां सिर्फ मेडिकल कॉलेज में बारह संक्रमितों को मौत की नींद सुला दिया। शवों की लाइन लग गई। अंतिम संस्कार को लेकर मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य कर्मियों और परिजनों से विवाद और नोकझोंक हुई। 

एसडीएम सुधीर कुमार सिंह और सीओ राकेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित परिजनों को शांत कर शवों को कोविड प्रोटोकाल के तहत एंबुलेंस से मुक्तिधाम पहुंचाया। कोरोना से मरने वालों में बांदा शहर के अलीगंज की 64 वर्षीय महिला, शंभू नगर का 32 वर्षीय और बन्यौटा का 36 वर्षीय युवक तथा शहर के दो अन्य मृतक शामिल थे। 

इनके अलावा छनेहरा लालपुर का 50 वर्षीय, नरैनी की 50 वर्षीय महिला, चित्रकूट का 40 वर्षीय पुरुष और 55 वर्षीय महिला तथा महोबा की 67 वर्षीय महिला शामिल है। मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की भारी कमी है। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य का दावा है कि कानपुर से रोजाना 100 सिलिंडर आक्सीजन मंगाई जा रही है। 

बांदा के एक प्रतिष्ठित और रसूख वाले परिवार के सदस्य भी कोरोना में मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। उनके लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और आक्सीजन सिलिंडर उनके परिजनों ने बड़ी रकम खर्च करके अपने पास से मंगाए। 

उधर, मुक्तिधाम का विद्युत शव दाह गृह रोजाना दर्जनों शवों के दाह संस्कार से खराब होकर बंद हो गया है। मेडिकल कॉलेज से लाए गए शवों को इसी परिसर में चिता बनाकर दाह संस्कार किया गया। 

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