शाही इमाम को सदमा, चाचा मुफ्ती शब्बीर लुधियानवी का पाकिस्तान में निधन

लुधियाना। शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी को बीती शाम उस समय बड़ा सदमा पहुंचा जब पाकिस्तान से खबर आई कि खानदान की आखरी निशानी, लुधियाना की मिट्टी से अपनी जान से ज्यादा प्यार करने वाले उनके चाचा जी जनाब शब्बीर अहमद मुफ्ती लुधियानवी का आज पाकिस्तान के शहर रहीमयार खान में निधन हो गया। जनाब शब्बीर अहमद मुफ्ती का जन्म लुधियाना में 1935 में हुआ था, विभाजन के समय आप पाकिस्तान चले गए थे, मरहूम पाकिस्तान में मशहूर शिक्षक और लेखक के तौर पर जाने जाते थे। आज यह मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के दफ्तर में कुरान शरीफ पढ़ कर आपकी मगफिरत के लिए दुआ करवाई गई। 

इस मौके पर नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी, मुहम्मद मुस्तकीम अहरार, गुलाम हसन केसर, मौलाना सुलेमान, कारी मुहम्मद मोहतरम, मुफ्ती जमालूद्दीन ने आपको खिराज-ए-अकीदत (श्रद्धाजंलि) पेश किया, मुफ्ती शब्बीर लुधियानवी को याद करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा की उनकी आखरी ख्वाइश थी कि उनको अपने वतन लुधियाना की मिट्टी में ही दफनाया जाता, आप को अपने वतन से बड़ी मुहब्बत थी, 2017 में जब आप आखरी बार भारत आए तो अपने शहर लुधियाना की गली-मोहल्लों में कई दिन पैदल घूमते रहे और पुराने पेड़ों को गले लगा कर आंसू बहाते रहे। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा की जनाब मुफ्ती शब्बीर लुधियानवी के देहांत से एक युग का खात्मा हो गया है इस नुकसान को पूरा नहीं किया जा सकता। शाही इमाम ने कहा कि अब लुधियाना की मिट्टी को सलाम करने पाकिस्तान से कोई नहीं आएगा। 

शाही इमाम ने दुख का इजहार करते हुए कहा कि इसी लिए हमारे पुरखों ने देश के विभाजन और पाकिस्तान बनाने की विरोधता की थी क्योंकि बंटवारे में सिर्फ जमीन ही नहीं गई बल्कि रिश्ते और दुख-सुख का साथ भी लाखों लोगों का खत्म हो गया। शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने बताया कि मरहूम मुफ्ती शब्बीर लुधियानवी ने देहांत से एक दिन पूर्व ही लुधियाना आने की इच्छा व्यक्त की थी।

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