बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के रहनुमा के लिए जब BJP के RK सिन्हा ने छोड़ी ट्रेन की बर्थ

 

नई दिल्ली। भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा ने यूपीयूकेलाइव के एडिटर इन चीफ मुहम्मद फैज़ान से विशेष बातचीत में मुस्लिम पॉलिटिक्स पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जिस दिन आम मुसलमान समझ जाएगा कि बीजेपी से कोई खतरा नहीं है, उस दिन हालात सुधर जाएंगे। बीजेपी किसी से कोई भेदभाव नहीं करती और भेदभाव हम करें भी क्यों?

आरके सिन्हा ने बातचीत के दौरान अपने साथ गुज़रा एक वाक्या भी सुनाया।

उन्होंने कहा- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के रहनुमा सय्यद शाहबुद्दीन पटना जा रहे थे और मैं भी पटना जा रहा था। एक ही कूपे में मेरा लोअर बर्थ था और उनका अपर बर्थ था। उनके दामाद अफजल अमानुल्ला साहब पटना के ही रहने वाले हैं। अफजल के पिताजी के हमसे बहुत अच्छे ताल्लुकात थे। वह पटना इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी में इंजीनियर थे और हमारे बड़े भाई फाइनेंसियल एडवाइजर थे। बहुत अच्छी दोस्ती थी।

सफर के दौरान मैंने कहा हुज़ूर आप बुज़ुर्ग आदमी हो, आप नीचे रहना हम ऊपर चले जाएंगे। उन्होंने कहा- बड़ा शुक्रिया।

गाड़ी चली तो खाने की बारी आयी। मैंने कहा- मैं तो अपना टिफिन बॉक्स लेकर आया हूं। आप चाहे तो इसमें खा सकते हैं। शाकाहारी खाना है, और घर का बना हुआ है।

उन्होंने कहा- चलिए आज आप ही के साथ खाते हैं। फिर हमने भोजन किया। फिर हम बातचीत करने लग गए। हमने कहा- शाहबुद्दीन साहब एक बात हमको आप बताइये, आप इतने पढ़े लिखे इंसान हो। आप नेतृत्व कर रहे हो मुसलमानों का, इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है। करना चाहिए।

लेकिन आपके जितने भी अपने बच्चे हैं या फिर नाती-पोते हैं, ये तो मदरसे में नहीं पढ़ते, सब कान्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं। तब वह बोले कि संडे को मौलाना आते हैं और पढ़ाते हैं।

तब हमने कहा कि जब उससे काम चल जाता है तो बाकि मुसलमानों को आप गुमराह क्यों कर रहे हैं कि मदरसे में ही जाना चाहिए। वो हंसने लग गए, बोले- आप समझदार आदमी हो, अब आपको क्या हम बताएं। ऐसा करना पड़ता है।


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