अमरोहा। आजादी के बाद देश में पहली बार किसी महिला को उसके अपराध के लिए फांसी की सजा दी जाएगी। फांसी के लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। अमरोहा की रहने वाली 'शबनम' को मौत की सजा दी जाएगी। राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका खारिज कर दी है।
AnokhiDunia.com की टीम शबनम के गांव बावनखेड़ी पहुंची। हम उस घर में भी पहुंचे जहां बेरहमी से 7 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था। उस घर में फ़िलहाल शबनम के चाचा सत्तार सैफी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।
शबनम के चाचा ने हमें बताया कि जो भी राष्ट्रपति और कोर्ट तय करेंगे वह उन्हें मंजूर होगा। हालांकि प्रॉपर्टी को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने पहले तो इस पर सीधा जवाब नहीं दिया। लेकिन फिर कहा कि शबनम के पिता का लाखों रुपयों का कर्जा उन्होंने चुकाया है, जिसमें करीब 4 लाख का बैंक लोन शामिल था।
इसके अलावा दसवें और चालीसवें आदि में भी अपने पैसे खर्च होने का हवाला देते हुए उन्होंने प्रॉपर्टी पर अपना हक़ होने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि हत्याओं के बाद गिरफ़्तारी से पहले लाखों की कीमत के सोने के जेवर थे जो शबनम ने अपनी मामी को दिए हैं।
ये है पूरा मामला
यूपी के अमरोहा हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखंड़ी में शिक्षामित्र शबनम ने 14/15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया का कुल्हाड़ी से वार कर कत्ल कर दिया था। भतीजे अर्श का गला घोंट दिया था।
0 Comments