
बांदा। जिले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।इसके चलते जमकर किरकिरी भी हो रही है। मामला दबंगों की दबंगई की गर्जना से है जो रोंगटे खड़ी कर देती है।
अब दबंगों द्वारा कहर भरी मौत की दास्तां जानिये। यहां दबंगों ने 18 फरवरी को एक युवक पर छेड़खानी का आरोप लगाकर उसके परिवार पर कहर ढाया। युवक के परिवार से मारपीट करने के बाद उसके पिता को पेड़ से बांधकर तब तक मारा गया जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इलाज के दौरान घायल शख्स की मौत हो गई।
परिजनों ने इस घटना की सूचना भी दी थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आहत परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। पुलिस ने आनन-फानन में 5 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर शव का अंतिम संस्कार कराया है। घटना बिसंडा थाना क्षेत्र के पुनाहुर गांव की है।
आरोप है कि गांव निवासी रामरुचि यादव और नीरज 18 फरवरी की शाम अपने साथियों के साथ सूरजदीन के घर पहुंचे। जहां उन सभी ने ने सूरजदीन के बेटे पंकज पर एक लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए उसके बारे में पूछा। इसके बाद गाली-गलौच करते हुए घर के भीतर घुसने का प्रयास किया।
तभी सूरजदीन की पत्नी सावित्री ने घर का दरवाजा बंद कर दिया। लेकिन, हमलावरों ने दरवाजा तोड़ दिया और पंकज को पकड़कर जमकर पीटा। पिता सूरजदीन ने पंकज को बचाने का प्रयास किया तो हमलावरों ने उन्हें भी पीटा और ऑटो में डालकर अपने घर ले गए। जहां नीरज आदि ने सूरजदीन को पेड़ से बांधकर पीटा।
रात 11 बजे उन्हें मरा समझकर छोड़ा गया। इसकी सूचना पुलिस को देते हुए घायल सूरजदीन को अस्पताल ले जाया गया। जहां अब उसकी मृत्यु हो गई है। पत्नी सावित्री ने बताया कि पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव सौंप दिया है। वहीं, हत्यारे खुला घूम रहे हैं और थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जिसके चलते परिजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज की, तब जाकर शव का अंतिम संस्कार हो सका। पुलिस ने आरोपी रामरुचि यादव, बैजू यादव, करन यादव और केशकुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 304, 452, 427, 504 और 506 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है। पूरे मामले में पुलिस की बुरी तरह फजीहत हुई है।
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