खुद में बदलाव नहीं किया तो कटेंगे भाजपा विधायकों के टिकट

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी विधायकों के टिकट के लिए नई लक्ष्मण रेखा तय कर दी गई है इसमें अहम बिंदू बदलाव होगा। खुद को अनुशासन में न रखने, संगठन में समरस न रहने वाले तथा समर्पण के लिहाज से बदलाव न कर पाने वालों को टिकट नहीं मिलेगा।

भाजपा विधायकों और सरकार में मंत्रियों क लिए ऐसे कई बिंदु उज्जैन में सम्पन्न दो दिनी प्रशिक्षण वर्ग में उभरकर सामने आए हैं। संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि जो साथी कांग्रेस की रीति-नीति या बतौर निर्दलीय सियासत करते रहे हैं, उन्हें अपने अंदाज में बदलाव लाना ही होगा। भाजपा, खेमे या व्यक्ति विशेष के आभामंडल के बलाय संगठन आधारित पार्टी है इसलिए पार्टी की रीति-नीति के मुताबिक खुद में बदलाव जरूरी है। दरअसल, प्रशिक्षण कार्यक्रम संगठन के सामान्य प्रक्रिया है।

कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को पार्टी में समरस करने के लिए इसे विशेष रूप से आयोजित किया गया था। भाजपा विधायक दल में 20 और कैबिनेट में 40 फीसद मूल रूप से भाजपा के नहीं हैं। उनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही। पार्टी वादा करती रही है कि इन विधायकों का सामंजस्य पार्टी के साथ हमराह हो चला है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर इसका अभाव था।

पार्टी के कई पदाधिकारी कह चुके हैं कि ऐसे विधायक और मंत्री से भाजपा का मूल कार्यकर्ता अभी भी दूर ही है। भाजपा विधायक लोगें के बीच जाकर उनसे घुल-मिलकर अपनी पहचान मजबूत करते रहें हैं। बदलाव न कर पाने वाले विधायकों को प्रशिक्षण वर्ग के दारान संकेत दिए गए हैं कि यदि उन्हें अपनी विधायकी बनाए रखना है, तो बदलाव लाने ही होंगे। कार्यकर्ता को पार्टी को मालिक मानना ही होगा।

Post a Comment

0 Comments