आज तक मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा यह गांव, कच्चे घरों में रहते हैं लोग

अज़हर मलिक

काशीपुर। देश की आजादी के बाद भी लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही सड़क बिजली पानी जैसी जरूरी सुविधा पाने के लिए लोग तरस रहे हैं। उधम सिंह नगर में एक इलाका ऐसा भी है। जो राजनीति की भेंट चढ़ा हुआ है।

 जिस इलाके का राजस्व ग्राम सूची में नाम ना होने की वजह से ग्रामीण सरकारी सभी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।

हम आपको जो तस्वीरें दिखा रहे हैं। यह कोई 1947 की किसी मूवी का बनावटी सीन नहीं यह आपके डिजिटल भारत का रियल सीन है। देश को आजाद हुए 73 साल हो चुके हैं और सब धीरे-धीरे डिजिटल होता जा रहा है लेकिन आज भी जसपुर विधान सभा के भोगपुर डेम इलाके के तीर्थ नगर के ग्रामीण अपनी जिंदगी बिना सरकारी सुख-सुविधाओं जिंदगी जीने रहे है। 

कच्चे मकानों पर ही रहने को मजबूर हैं। एक और सरकार बिजली पानी सड़क शौचालय की योजना हर क्षेत्र में पहुंचाने बिगुल बजा रही है। लेकिन सरकार की तमाम योजनाओ से यहां के ग्रामीण कोसों दूर हैं। ना तो यहां रहने के लिए पक्के मकान है, ना ही चलने के लिए सड़क, ना ही शौच करने के लिए शौचालय और न ही उपचार के लिए अस्पताल है। 

चुनाव आता है चुनावी प्रत्याशी जीतने के लिए अपने लिए वोटों की भीख मांगने आते हैं और वोट मांगने के एवज में गांव के लोगों को सरकारी सुविधाओं से लाभ देने का सपना दिखाकर चले जाते हैं। जीत हासिल करने के बाद ग्रामीणों से किए वादों को हवा हवाई कर देते हैं।

तीर्थ नगर के मिले हुए गांव के प्रधान का कहना है कि ग्रामीण वासियों को सुख सुझाव से वंचित है और केंद्र की मनरेगा योजना का इन लोगों को फायदा नहीं मिलता है करुणा काल के अंदर रोजी-रोटी छिन जाने के संकट से पहले लोग प्रेषित है और आप इनके पास रोटी रोजी कमाने का कोई साधन नहीं है। 

प्रधान का कहना है कि पूर्व विधायक ने तो यहां पर कुछ सड़कों का निर्माण कराया पर वर्तमान विधायक ने यहां पर कोई कार्यवाही किए गए लिहाजा जल्द से जल्द इस गांव को राजस्व गांव घोषित किया जाए। अन्यथा किसी ग्रामसभा से अटैच कर दिया जाए जिससे इन लोगों को सुविधाएं मिल सके।

वहीं जसपुर के विधायक आदेश चौहान का कहना है कि ग्रामीणों को सुख सुविधाओं मिलने चाहिए वो उनको नही मिल पा रही है। जिसका सरकार को चाहिए कि इन ग्रामीण को सुविधाओं पर ध्यान दे।  इस गाँव के विकास कार्यो के लिए पूछा गया तो विधायक जी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि तुमरिया जगह से एक अच्छा पर्यटक स्थल बन सकता है। 

अगर सरकार की सोच अच्छी हो तो।  मैंने भी कई पत्र सरकार को इस क्षेत्र के सौन्दर्यकरण के लिए लिखे है। मगर सरकार की क्या मंशा है। ये राजस्व भूमि है। इसलिए इसे राजस्व ग्राम नहीं घोषित किया गया। सरकार को इसे किसी अन्य पंचायत से जोड़ना चाहिए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।

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