संत परमहंस दास बोले- माफ हो 'शबनम' की फांसी, पुराणों में महिला की जगह पुरुषों से ऊपर

नई दिल्ली। यूपी के अमरोहा में बावनखेड़ी कांड में दोषी शबनम की फांसी की संभावनाओं के बीच उनके बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है। शबनम के बेटे ताज ने बताया, "मेरी राष्ट्रपति जी से अपील है कि मेरी मां को फांसी न दें। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं।"

अब अयोध्या के परमहंस दास चाहते हैं कि शबनम की फांसी की सजा टाल दी जाए उसे माफ कर दिया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अयोध्या के संत परमहंस दास का कहना है कि महिला की जगह वेदों और पुराणों में भी पुरुषों से हजार गुना ज्यादा है। 

उनका कहना है कि हिंदू धर्माचार्य होने के नाते वह राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि शबनम की दया याचिका स्वीकार की जाए. उसकी फांसी माफ की जाए। 

इसके साथ ही परमहंस दास का मानना है कि उसने अब तक जो भी सजा भुगती है वह काफी है. अब राष्ट्रपति से उसे जीवन दान मिलना चाहिए। 

आपको बता दें कि यूपी के अमरोहा हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखंड़ी में शिक्षामित्र शबनम ने 14/15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया का कुल्हाड़ी से वार कर कत्ल कर दिया था। भतीजे अर्श का गला घोंट दिया था। 

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