'शबनम' के बेटे की भावुक अपील, राष्ट्रपति अंकल, मेरी मां को माफ कर दीजिए

बुलंदशहर। प्रेमी के साथ मि‍लकर परि‍वार के सात लोगों की नि‍र्मम हत्‍या करने वाली शबनम ने भले ही अपनी मां के दूध का कर्ज अदा नहीं किया लेकिन, उसकी कोख से जन्मा ताज मुहम्मद अब 13 साल का हो चुका है। उसने बेटे का फर्ज नि‍भाते हुए महामहिम राष्ट्रपति से मां को माफ करने की भावुक अपील की है।

शबनम जिस समय जेल गई थी तब वह गर्भवती थी। 13 जुलाई 2008 को उसने मुरादाबाद जेल में बेटे को जन्म दिया था। करीब सात साल की उम्र में बाल विकास समिति अमरोहा के आदेश पर ताज मुहम्मद को बुलंदशहर नि‍वासी संरक्षक उस्मान सैफी को सौंप दिया था। बुधवार को कुछ मीडिया कर्मियों ने बुलंदशहर स्थित उस्मान सैफी के आवास पर पहुंचकर ताज से बातचीत की। 

मां शबनम को फांसी की बात सुनकर गुमसुम हुए ताज ने तख्ती पर अंग्रेजी में 'राष्ट्रपति अंकल जी मेरी मां शबनम को माफ कर दीजिए' लिखकर मीडिया के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से अपील की है। उस्मान सैफी ने बताया कि ताज 21 जनवरी को रामपुर जेल में मां शबनम से मिलकर आया है।

ताज के संरक्षक उस्‍मान बोले, दान की जाए शबनम की संपत्ति
करीब छह वर्ष से संरक्षक के रूप में शबनम के बेटे ताज मुहम्मद की परवरिश व पढ़ाई करा रहे उस्मान सैफी का कहना है कि यदि शबनम को फांसी दी जाती है तो फांसी के बाद शबनम की पुश्तैनी संपत्ति को किसी ट्रस्ट अथवा सरकार को दान कर दी जाए ताकि उसमें सार्वजनिक उपयोग हेतु कोई अस्पताल, मदरसा आदि बनाया जा सके।

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