आज है मुहब्बत का दिन, ऐसे मनाएं वैलेंटाइन डे

 मुहम्मद फैज़ान

सात फरवरी को रोज़ डे से शुरू हुआ था यह सिलसिला। उस दिन कई फूल इधर से उधर हुए। कुछ ने तो पूरा गुच्छा ही दे दिया। सुर्ख लाल गुलाब के फूलों का गुच्छा। फूल दे तो दिया मगर कुछ कहने की हिम्मत नहीं पड़ी। सोचा यह फूल ही दिल का हाल बयां कर देंगे। लाख-लाख शुक्र कि अगले ही दिन प्रपोज डे था। कुछ बाजार में मिले तो कुछ स्कूल-कॉलेजों में, अधिकांश ने मोबाइल पर ही यह काम कर डाला। डू यू लव मी...। जवाब आया यस...। 
बस एक शब्द ही तो था जिसे सुनने के बाद मन में सितार बजने लगे। पूरी कायनात कदमों में पड़ी नज़र आने लगी। जो खुशी मिली थी उसका जश्न चॉकलेट खाकर मनाया गया। दस फरवरी को किसी न किसी तरह उपहार पहुंचा कर ही दम लिया। अगले दिन ही प्रॉमिस किया कि इस प्यार को ताजिंदगी नहीं भूलेंगे। भावनाओं का उमाड़ आया तो दोनों एक-दूसरे को कसकर भींच लिया। 
सप्ताह भर प्यार में डूबे रहने के बाद आखिर वो दिन आ ही गया जिसका कब से इंतजार था। जी हां आज है 14 फरवरी ‘वैलेंटाइन डे’।  शहरों में युवाओं ने इस दिन की तैयारी के लिए पूरे हफ्ते खूब मेहनत की। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन को मनाने की सोचना भी पाप जैसा है। वैसे देखा जाए तो कुछ हद तो उनकी सोच सही भी है। लेकिन वेलेंटाइन डे को केवल लवर्स ही मनाएं, ऐसा जरूरी तो नहीं। इस प्यार के दिन पर अपने मां-बाप, दोस्तों व रिश्तेदारों को खुश करने में भला क्या हर्ज है। 

अब आगे क्या
आम तौर पर वैलेंटाइन वीक को रोज़ डे से वैलेंटाइन डे तक मनाने का रिवाज है। लेकिन हाल के वर्षों में वैलेंटाइन वीक के इस कैलेंडर में कुछ दिन और जोड़ लिए गए हैं। 15 फरवरी को स्लैप डे, 16 को किक डे, 17 को परफ्यूम डे, 18 को फ्लर्ट डे, 19 को कंफेशन डे, 20 को मिसिंग डे और 21 को ब्रेकअप डे रखा गया है। हालांकि इन दिनों में उत्साह में कमी ही रहेगी क्योंकि सारा प्यार तो आज वैलेंटाइन डे पर न्यौछावर कर ही दिया जाएगा। हां गिफ्ट का सिलसिला जरूर जारी रह सकता है।
क्या कहते हैं टीचर्स
वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को आज के समय युवा पीढ़ी बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाती है। ऐसा नहीं है कि एक युवक व युवती में अगर दोस्ती है तो उसको गलत तरीके से माना जाए। क्योंकि दो भाई-बहन भी अच्छे दोस्त हो सकते हैं। मेरा विचार है कि इस दिन को एक मर्यादा रख कर मनाया जाए। युवा खास ख्याल रखें कि उनकी किसी बात से कोई आहत न हो। 
डा. शैलजा, प्रवक्ता भूगोल


वैलेंटाइन शब्द हमें प्रेम का सन्देश देता है। प्रेम शब्द बड़ा व्यापक अर्थ रखता है। प्रेम को अधिकांश लोग वासनात्मक रूप में लेते हैं। प्रकृति भी हमें एक-दूसरे के साथ प्रेम करने का संदेश देती है। यदि इसे सच्चे अर्थों में ले तो सम्पूर्ण वातावरण प्रेममय हो जाए और दुनिया से नफरत कम होगी। हमें इस दिन को इस तरह मनाना चाहिए कि विरोधी भी सकारात्मक सोचने को विवश हो जाएं। 
डा. एसपी शर्मा, प्रवक्ता

शेरो-शायरी
हिन्दी प्रवक्ता डा. मनुप्रताप ने हमें वैलेंटाइन डे के मौके पर अपनी गजल की चंद पंक्तियां भेजी हैं।
संस्कार इस कदर खो चुका है आदमी में,
रात भी अंधरों से अब डरने लगी है।
प्यार ‘मनु’ जिस्मानी रह गया बनकर,
उनको तो निभानी भी मुहब्बत नहीं आती।

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