शादी से पहले जरूर करा लें ये टेस्ट, वरना बच्चों में हो सकती है ये 'लाइलाज' बीमारी...

आगरा।  कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर पर लोकहितम थैलीसीमिया सोसाइटी की ओर से रविवार को दो दिवसीय 'नो मोर थैलीसीमिया' कार्यक्रम का समापन किया गया। नि:शुल्क थैलेसीमिया शिविर की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, अध्यक्ष प्रेमसागर अग्रवाल, महामंत्री अनिल कुमार अग्रवाल, चेयरमैन अशोक अग्रवाल, निदेशक अखिलेश अग्रवाल, संयोजक रोहित अग्रवाल एवं डॉक्टर नीतू चौहान ने दीप प्रवज्जलन कर की। 

समापन पर  निःशुल्क एचएलए (बॉन मेरौ जांच) थैलेसीमिया बच्चों एवं उनके भाई-बहनों के 130 सैम्पल कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल से डॉक्टर शांतनु सेन, डॉक्टर जूही मेहरोत्रा एवं पेरेंट्स एसोसिएशन थेलेसेमिक यूनिट ट्रस्ट से ज्योति टंडन द्वारा एकत्रित किये। जिसे डीकेएमएस बीएमएसटी की जर्मनी लेब में टेस्ट के लिए भेजा गया एवं तोलानी सेवा संकल्प द्वारा एचबीए 2 (थैलेसीमिया माइनर जाँच) के 138 सैम्पल को एकत्रित कर मुंबई भेजा।

शिविर में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के डॉक्टर शांतनु सेन ने कहा कि किसी थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चे के माता-पिता अपने बच्चे का बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने के इच्छुक हैं, तो उसके लिये सबसे पहला कदम होता है, बच्चे का एच.एल.ए टैस्ट। सिर्फ इसी टैस्ट के आधार पर ही थैलेसीमिया के स्थाई इलाज, बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिये मैचिंग का डोनर ढूंढा जा सकता है।

संयोजक रोहित अग्रवाल ने कहा कि थैलेसीमिया रोग एक अनुवांशिक रोग है जिसकी प्राथमिक स्तर पर ही जांच करवाने पर इसके बारे में पता लगाया जा सकता है। भारत वर्ष में इसके बहुत ज्यादा रोगी हैं। इन रोगियों को आजीवन प्रत्येक 15-20 दिन में रक्त ट्रांस्फुजन की आवश्यकता पड़ती हैं। आगरा मंडल सहित अन्य प्रदेश के थेलेसीमिया बच्चों एवं उनके भाई बहनों ने अपना परिक्षण कराया। संचालन निमिषा तायल ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से लोकहितम थैलेसीमिया सोसायटी के चैयरमेन अशोक अग्रवाल, निदेशक अखिलेश अग्रवाल, मनीष राय, पुनीत त्रिवेदी, अर्पित गोयल, मयंक गोयल, अंकित वर्मा, खुशी गोयल, अंकिता सिंह, अंकित खंडेलवाल, प्राची वर्मा आदि मौजूद रहे।

इन संस्थाओं का मिला सहयोग
एक पहल, दान फाउंडेशन, रोबिन हुड आर्मी, सकारात्मक फाउंडेशन, डीकेएमएस बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया, लोकहितम ब्लड बैंक, विधा स्त्रोत एवं उन्नयती

हम है थैलेसेमिया मेजर
शिविर में आयी करिश्मा सत्संगी कहती है कि हमारी लाइफ बाकि बच्चो की तरह नार्मल नहीं है। काश मेरे माता-पिता ने शादी से पहले एचबीए-2 की जाँच करा ली होती तो मुझे ये रोग न होता। अठारह वर्षीय पंद्रह वर्षीय ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि हमारी सामान्य बच्चो की तरह ग्रोथ नहीं होती है। तीस वर्षीय अर्जुन का कहना था कि मुझे हर दस दिन में दो यूनिट रक्त चढ़ता है। बीस वर्षीय दिव्यांशु कहते है कि मेरे शरीर में आयरन बढ़ जाता है।

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