7 राज्यों का किसान मेला क्या धो पाया किसानों के मनों का मलाल?

विनोद मिश्रा
बांदा।
सात राज्यों के तीन दिवसीय किसान मेले के माध्यम से केंद्र औऱ राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों का मुख्य निशाना कॄषि कानूनों के प्रति किसानों के मन की मलीनता समाप्त करना रहा। इसी चक्रव्यूह में किसानों को पुचकारने, संवारने का भी कथित रूप से तीन दिन हाई वोल्टेज ड्रामे का बोलबाला रहा किसानों पर किसान हित की बाते कर शब्दों के पुष्प बाण चलाये गये, यह बात दिगर है की कथित तौर पर किसानों की प्रायोजित भीड़ पर इस संमोहन का कितना असर सकारात्मक  पड़ा,या नकारात्मक "खुदा जानें"!
चलिए अब मेले के कार्यक्रमों का जायजा टेढ़ी नजर से न कर सकारात्मक तरीके से लेते हैं। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में क्षेत्रीय किसान मेले को ऑनलाइन संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए हितकारी हैं। कृषि में विज्ञान का इस्तेमाल करना होगा।
उन्होंने झांसी की महिला किसानों का हवाला देकर अधिक मुनाफा लेने की बात कही। इस दौरान उन्होंने ऋण माफी, और कृषि बाजार की भी चर्चा की। कहा कि किसानों के लिए सिर्फ बाजार ही नहीं ई-बाजार भी मुहैया हैं। इसका फायदा किसान उठाएं।
ऑनलाइन जुड़े प्रदेश कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी आयोजन से किसानों को लाभ लेने को कहा। कहा कि वैज्ञानिक सोच और नई तकनीक से किसान अपनी आय और जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि बुंदेलखंड में कृषि विकास को गति देने के लिए विवि हर स्तर पर प्रयास कर रहा है।
बुंदेलखंड के लिए यह किसान मेला महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। दूसरे सत्र में राज्यमंत्री ग्राम विकास एवं संसदीय कार्य आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों को समूह खेती को अपनाना होगा। कुलपति डॉ. यूएस गौतम कृषि के नवाचारों को बुंदेली किसानों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
कहा कि तकनीक के युग में तकनीक ही सबसे बड़ी ताकत है। प्रदेश के पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि जलवायु के अनुकूल तकनीक को सुविधापूर्ण किसानों तक पहुंचाए। किसानों को दलहन की फसल उगाने के लिए प्रेरित किया। बुंदेलखंड में पानी की उपलब्धता पर सरकार, वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया है।
सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी व हमीरपुर के विधायक युवराज सिंह ने किसानों को मेले से लाभ लेने का आह्वान किया। डीएम आनंद कुमार सिंह ने कहा कि किसान मेले से ऊर्जावान बनें और खेती की नई तकनीक सीखकर बुंदेलखंड को आगे बढ़ाएं। संचालन सहायक शिक्षक डॉ. बीके गुप्ता ने कहा
किसान मेले में स्वयं सहायता समूह की आठ महिलाओं को रोजगार के लिए गाड़ियों की चाबी सौंपी गई। राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि समूह की महिलाएं इन गाड़ियों से आय अर्जित करें। इस मौके पर राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, एनआरएलएम उपायुक्त के करुणाकर आदि मौजूद रहे।
मेले में कर्नाटक के चंदन और पशु मेला आक र्षण का केंद्र रहा। अलग-अलग राज्यों से आए पशुपालकों ने उन्नत प्रजाति की भैंस, बकरी और गाय के बारे में जानकारी साझा की। मुर्रा, थारपारकर, देसी शाहीवाल, शंकर प्रजाति, बुंदेलखंडी, जमुना पारी बकरी की प्रजाति के बारे में बताया। उधर, कर्नाटक के मशहूर चंदन का भी स्टॉल लगाया गया। इसमें किसान चंदन की खेती के टिप्स लेते रहे।
किसान मेले में मॉडल गांव के बारे में भी किसानों को जागरूक किया गया। गांव को मॉडल बनाने के लिए 25 बिंदुओं की जानकारी दी गई। मॉडल गांव संस्था के माध्यम से सचिन चौधरी, गुरवंत सिंह व मुस्ताक अहमद ने बताया कि गांव में विकास का एजेंडा विलेज मेनिफेस्टो के माध्यम से गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचने का काम किया जा रहा है। मॉडल गांव बनाने का उद्देश्य गांव का विकास है।

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