
छात्रों ने पार्टी में लोकतंत्र के खत्म होने की बात कहते हुए उनकी बात की सुनवाई न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पार्टी में आम छात्रों को आगे बढऩे का मौका नहीं मिलता है। सदस्यों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी में गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वालों आम छात्रों और कार्यकर्ताओं को कोई अवसर नहीं दिया जाता है।
पार्टी की विचारधारा और आंतरिक लोकतंत्र को अंदर के ही कुछ लोगों द्वारा खत्म किया जा रहा है। पार्टी के भीतर विभिन्न पदनामों और स्तरों पर काम करने के बावजूद योग्य उम्मीदवारों नजरअंदाज किया जा रहा है। इस्तीफा देने वालों में विशाल कोतवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चंदर कांत शर्मा, राज्य महासचिव और किशोर शर्मा, राहुल भगत, संदीप सिंह चिब, साहिल सिंह जम्वाल शामिल हैं।
उन्होंने सोनिया गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष, नीरज कुंदन, हृस्ढ्ढ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अंकुश भटनागर, राष्ट्रीय सचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी और चुनाव के लिए पार्टी के नोटिस भी भेजे हैं। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का हमारा फैसला हमारी ओर से स्वैच्छिक है और यह बड़े पैमाने पर छात्र समुदाय के कल्याण के लिए हमारी चिंता से पैदा होता है और यह समाज में सुधार लाने के लिए एक अलग स्तर पर काम करने के लिए हमारा उत्साह है।
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