नई दिल्ली। लोग दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित पांच महीने की बच्ची की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इस बीमारी का इलाज है, लेकिन यह इतना महंगा है कि इलाज करवाना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसके इलाज के लिए इंजेक्शन की लागत 16 करोड़ है।
तीरा के माता-पिता प्रियंका और मिहिर कामत ने सोशल मीडिया पर अपनी समस्याएं साझा कीं। मिहिर कामत ने कहा कि इसकी प्रभावी दवा जोल्गेन्स्मा आयात की जाती है। इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। इस पर करीब 6 करोड़ रुपये टैक्स देना पड़ता है। इस तरह इसकी कीमत 22 करोड़ हो जाती।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पत्र पर पीएम नरेंद्र मोदी ने टैक्स माफ कर दिया है। सरकार के इस फैसले की अब सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है।
सरकार से मदद के बाद तीरा के पेरेंट्स ने सोशल मीडिया पर कहा- पिछले कुछ दिनों की घटनाओं ने हमारे सरकार और मानवता में विश्वास को मजबूत किया है और यही कारण है कि हम भारत के गर्वित नागरिक हैं।
कल वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग ने ज़ोलगेंस्मा के आयात पर सीमा शुल्क विभाग और जीएसटी की छूट देने के लिए सीमा शुल्क विभाग को निर्देश देने के लिए आदेश जारी किया। समवर्ती रूप से, महाराष्ट्र राज्य के स्वास्थ्य आयुक्तालय ने कस्टम ड्यूटी और जीएसटी माफी के लिए प्रमाण पत्र जारी किए।
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