
हरिद्वार। सात फरवरी को आयी बाढ़ के बाद तपोवन पावर प्रोजक्ट की सुरंग में फंसे करीब 35 मजदूरों की जिंदगी की आस अब लगभग खत्म लग रही है. सोमवार को तपोवन सुरंग से तीन और मैठाणा से एक शव यानी कुल चार शव बरामद हुए हैं. जबकि रविवार को 15 शव बरामद किए गए थे. इस तरह इस आपदा में अब तक करीब 59 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
सात दिन से टनल में फंसे करीब 35 कामगारों की तलाश में अभियान चल रहा है. एनटीपीसी के परियोजना निदेशक उज्जवल भट्टाचार्य के मुताबिक तपोवन सुरंग में हम लोग अभी 135 मीटर पहुंच गए हैं. 10-15 मीटर तक और मलबा साफ करने के बाद पानी निकलने लगेगा. हमें उम्मीद है कि जल्द ही सुरंग में और आगे बढ़ पाएंगे.
सुरंग में फंसे लोगों के अलावा अभी लिस्ट के मुताबिक करीब 159 लोग अभी भी लापता हैंं. इनमें ज्यादातर के बाढ़ में बह जाने या मलबे में गहरे धंसे होने की आशंका है.
सुरंग के अदंर आगे गाद की मात्रा काफी है जिसे साफ करने में राहत दल को दिक्कत आ रही है और अंदर का हाल देख कर नहीं लगता कि इस गाद में कोई जिंदा मिल पाए. दोनों स्थलों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन रात काम में लगी हैं.
सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि आज अभी तक तीन शव मिले हैं. टनल और बैराज साइटपर लगातार मशीनों के जरिये काम चल रहा है.
डीएम ने कहा कि रैणी क्षेत्र में भी राहत बचाव जारी है, और हमारी कोशिश है कि लापता लोगों को जल्द तलाश किया जाए. इससे पहले रविवार को एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत मुल्लर करीब 14 हजार फुट की ऊंचाई पर ऋषि गंगा में बनी झील पर पहुंचे. और बताया कि झील से काफी अच्छी मात्रा में साफ पानी डिस्चार्ज हो रहा है. इसलिए खतरे की कोई बात नहीं है.
टनल में लगातार काम चल रहा है और बैराज साइट पर भी मशीनें काम कर रही हैं। रैणी साइट पर भी काम चल रहा है। कल रैणी से 7 शव बरामद हुए, टनल से कल 6 और आज 3 शव बरामद हुए हैं: स्वाति भदौरिया, चमोली की ज़िलाधिकारी #Uttarakhand pic.twitter.com/6gDX7TiFAz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 15, 2021
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