पंचायत चुनाव: साजिशन अपराधों में फंसाने को महिलाओं को बनाने लगे हथियार!


विनोद मिश्रा

बांदा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आने की आहट के साथ ही फर्जी मुकदमों की बाढ आती सी दिख रही है। विरोधी भावी प्रतिनिधियों की छवि को खराब करने तथा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए झूठे केस कराने लगें है। कुछ मामलों में तो महिलाओं को आड़ बनाकर उनसे मनगंढत आरोप लगवाकर गरिमा को तार तार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन के लिए मुश्किलें बढती नजर आ रही है। 

आगामी कुछ ही समय में प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव का बिगुल बजने वाला है। चुनावी आहट मिलते ही प्रधानी, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के भावी उम्मीदवार अपने प्रचार प्रसार में जुट गये है। इसी बीच कुछ लोग भावी जनप्रतिनिधयों को अपना शिकार बनाने लग गये है। उनकी छवि तथा गरिमा को तार तार करने के प्रयास किये जा रहे है। विरोधी गुट के लोग छवि को खराब करने तथा मानसिक रूप से प्रताडित करने के लिए झूठे मामले दर्ज करा रहे है। कुछ मामलों में गांव की महिलाओं का सहारा तक लिया जा रहा है।

ऐसा ही एक मामला बबेरू कोतवाली अंतर्गत मुरवल गांव का सामने आया है। जहां पर एक जनप्रतिनिधि के रिश्तेदारों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाली महिला का विरोध करना जनप्रतिनिधि को भारी पड रहा है। मुरवल गांव के पूर्व प्रधान रामबाबू निषाद पर गांव की ही एक महिला द्वारा छेड़खानी तथा बलात्कार के प्रयास का मामला दर्ज कराया गया। लेकिन पुलिस की जांच में पूरा मामला फर्जी पाया गया। निवृतमान जिला पंचायत सदस्य रामबाबू निषाद तो उदाहरण बन गये हैं। 

बताया कि उन पर गांव की एक महिला कुछ दिन पूर्व छेडखानी तथा बलात्कार का मामला मुरवल चौकी में दर्ज कराया है। उनके गांव के कुछ शातिर किस्म तत्वों के बहकावे में आकर उक्त महिला द्वारा उनके साले आत्माराम पुत्र मइयादीन तथा उसकी पत्नी सोहनी की जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराया जा रहा था। जिसका स्वयं उन्होंने विरोध करते हुए मामला दर्ज कराया था। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निर्माण रूकवा दिया था। यह मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। बताया कि कुछ दिन पूर्व महिला ने पुनः निर्माण शुरू करा दिया। 

जिसका उन्होंने फिर से विरोध कर पुलिस को सूचना दी। वहीं दूसरी ओर महिला ने पुलिस चौकी पहुंचकर उनके खिलाफ छेडखानी तथा बलात्कार के प्रयास का प्रार्थनापत्र दे दिया। उसके आरोप सरासर गलत हैं। कहा कि महिला झूठे अभिलेख दिखाकर खुद को भूमिहीन बता रही है और अवैध रूप से पट्टा की मांग कर रही है। जिसका विरोध करने पर कुछ लोगों के बहकावे में आकर वह उनपर गलत आरोप दर्ज कराने का कथित कूटरचित प्रयास कर रही है। वहीं इस संबंध में मुरवल चौकी प्रभारी केपी यादव ने बताया कि महिला द्वारा रामबाबू निषाद पर छेडखानी तथा बलात्कार के प्रयास का प्रार्थनापत्र दिया गया था। मामले की जांच करने पर पूरा मामला  फर्जी पाया गया। अब सवाल यह उठता है कि झूठे मामले दर्ज कराने वालों पर पुलिस कब कार्यवाही करेगी। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। आने वाला कुछ समय पुलिस प्रशासन के लिए काफी परेशानी भरा साबित होगा। क्योकि पंचायत चुनाव का बिगुल बजने को तैयार है और ऐसे मामलों की बाढ सी आयेगी।

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