राकेश पाण्डेय बुलंदशहर। बुलंदशहर के गुलावठी थाना क्षेत्र में दो कलियुगी बेटों ने अपनी उस मां को घर से निकाल दिया जिसने उन्हें अपने बुढापे...

राकेश पाण्डेय
बुलंदशहर। बुलंदशहर के गुलावठी थाना क्षेत्र में दो कलियुगी बेटों ने अपनी उस मां को घर से निकाल दिया जिसने उन्हें अपने बुढापे का सहारा समझा था। घटना गुलावठी थाने के पास स्थित रामनगर कॉलोंनी की है जहां कलियुगी बेटों ने मां को सिर्फ इसलिए घर से निकाल दिया.
क्योंकि अब वो उन्हें किसी काम की नहीं लगती जिस वृद्धा ने अपने जीवन की सारी कमाई अपने बच्चों का भविष्य सुधारने में लगा दी वो वृद्ध मां आज पन्नी की छत के सहारे सर्द रातों को गुजारने को मजबूर है।
देखिए किस तरह आपकी टीवी स्क्रीन पर 86 साल की वृद्ध रामदुलारी भावुक होकर अपने कलयुगी बेटों की कहानी सुना रही है।वृद्धा के मुताबिक उसके दो बेटों ने उसे एक साल पहले घर से बाहर निकाल दिया है तभी से ये वृद्धा पतझड़ सावन बसंत बाहर हर मौसम को घर के बाहर ऐसे ही गुजारने को मजबूर है।
वृद्धा के पति की सालों पहले मौत हो चुकी है जबकि वृद्धा के दोनों बेटों ने अब उसे बोझ समझते हुए घर से बाहर निकाल कर खड़ा कर दिया। वृद्धा के दोनों बेटे कैमरे के सामने नहीं आये जबकि उसकी दोनों बहुएं भी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाती नज़र आईं।
बता दें कि वृद्ध रामदुलारी का सर्दी में पन्नी के सहारे रात गुजारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस ने वृद्धा को एक बेटे के घर मे एंट्री दिला दी थी, मगर आरोपी बेटे बहु ने देर रात वृद्धा को फिर घर से निकाल दिया।फिलहाल बुढ़ापे में बेटों बहुओं से मिले ज़ख्मो को सीने से लगाये वृद्धा अपने देवर के घर में गुजर बसर कर रही है।