क्या बर्ड फ्लू से बचने को न खाएं चिकन और अंडा, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर


नसीम मलिक/रुड़की।  मांस और अंडे के कारोबार पर एक बार फिर से संकट के बादल छा गए हैं। पिछले कुछ दिनो से देश के कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू की खबरें आने के बाद मांस और अंडे के व्यवसाय में गिरावट आई है।

लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे मांस और अंडे के कारोबार पर एक बार फिर से संकट के बादल छा गए है। पिछले कुछ दिनो से देश के कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू की खबरें आने के बाद मांस और अंडे के व्यवसाय में काफी कमी आई है। 

हालांकि उत्तराखंड अभी तक बर्ड फ्लू की दस्तक से महफूज है, बावजूद इसके यहां के कारोबारियों पर भी इसका खासा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। रुड़की शहर के चिकन और अंडा कारोबारियों का कहना है कि बर्ड फ्लू की खबरों से कारोबार आधा हो चुका है। तो वही कुछ कारोबारियो का मानना है कि इन दिनों इस तरह की अफवाह फैलती है, ये मात्र एक अफवाह है और कुछ नही। बरहाल बर्ड फ्लू की खबरों से लोग दहशत में है जिससे मांस का कारोबार दिन प्रति दिन ढलता नजर आरहा है।

आपको बता दें बर्ड फ्लू का संकट एक बार फिर मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश में अब तक कई पक्षी इसकी चपेट में आ चुके हैं। राजस्थान-मध्य प्रदेश में कौवे और केरल में बत्तख इस जानलेवा वायरस का शिकार हुई हैं। जिसकी खबरो से देशभर में दहशत का माहौल व्याप्त है।

बर्ड फ्लू की दस्तक ने मांस और अंडा कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है। उत्तराखंड के रुड़की शहर में चिकन और अंडा कारोबारियों का कहना है कि जबसे बर्ड फ्लू की खबरे सामने आई है तबसे कारोबार आधा हो चुका है, होटलों पर जाने वाले मांस की क्वांटिटी में भी भारी गिरावट आई है। हालांकि उत्तराखंड प्रदेश अभी तक बर्ड फ्लू की दस्तक से महफूज है।

वहीं रुड़की सिविल अस्पताल की चिकित्सक डॉ वंदना भारद्वाज ने इसके बचाव के उपाय बताए है। उन्होंने बताया किसी भी वायरस से बचने के लिए साफ सफाई बेहद जरूरी है। इसके साथ ही 160 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर पका भोजन सुरक्षित होता है। बर्ड फ्लू के कुछ स्ट्रेन बेहद जानलेवा होते हैं, इसलिए इस दौरान लोगों को सुरक्षित रहने और पूरी तरह पकी चीजें ही खानी चाहिए।

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