पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा के सोनीपत-पानीपत से संबंधित एक मामले में कहा है कि नाबालिग के साथ लिव-इन में रहना अनैतिक है। दर...

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा के सोनीपत-पानीपत से संबंधित एक मामले में कहा है कि नाबालिग के साथ लिव-इन में रहना अनैतिक है।
दरअसल, लिव इन में रहने वाले प्रेमी ने अपनी नाबालिग प्रेमिका की कस्टडी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमिका को सोनीपत के सेफहोम में भेज दिया गया। अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि एक लिव इन में नाबालिग के साथ रहना न केवल अनैतिक है बल्कि कानूनी रूप से भी गलत है। साथ ही यह सामाजिक नियमों के खिलाफ है।
याचिका में प्रेमी युगल ने लड़की के परिवार से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने पाया कि लड़की की उम्र साढ़े 17 साल है। ऐसे में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और लड़की को सुरक्षित घर भेज दिया। इसके बाद प्रेमी ने फिर एक याचिका दायर कर प्रेमिका की कस्टडी की मांग की।
अदालत ने कहा कि प्रेमी पर समालखा, पानीपत में नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज है। अपहरण करने वाले आरोपी को हिरासत में कैसे दिया जाए। अदालत ने कहा कि अगर लड़की की मां या उसके पिता हिरासत की मांग करते हैं, तो क्षेत्र मजिस्ट्रेट के पास एक याचिका दायर करें जिसके बाद उस पर विचार किया जाएगा।