पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू की एंट्री भले ही न हुई हो, लेकिन इसके डर से चिकन के दाम कम हो गए हैं। सप्ताह के दौरान, चिकन मांस की कीमतों म...

पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू की एंट्री भले ही न हुई हो, लेकिन इसके डर से चिकन के दाम कम हो गए हैं। सप्ताह के दौरान, चिकन मांस की कीमतों में 60 रुपये की कमी आई है। व्यापारियों को 100 रुपये से कम कीमत मिलने की उम्मीद है।
कोरोना से उबरने वाला पोल्ट्री उद्योग एक बार फिर संकट में दिख रहा है। बर्ड फ्लू की आशंका का दायरा बढ़ने के साथ-साथ पोल्ट्री उद्योग की हालत खराब होती जा रही है। थोक में चिकन की कीमत में केवल 48 घंटों में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। सप्ताह के दौरान मुर्गी के थोक मूल्य में 42 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है।
1 जनवरी को, थोक में चिकन 120 रुपये प्रति किलो बेचा गया, जबकि मांस 200 रुपये प्रति किलो था। शनिवार को खड़े चिकन की कीमत 72 रुपये है और इसके मांस की कीमत 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इस तरह महज सात दिनों में कीमतें 48 रुपये प्रति किलोग्राम कम हो गई हैं। गुरुवार को मुर्गा 85 रुपये किलो में बेचा गया। शनिवार को थोक में इसका भाव 72 रुपये पर पहुंच गया। थोक कारोबारी अनूप कुमार का कहना है कि मीडिया में बर्ड फ्लू की खबर के बाद मांग कम होने से कीमतों पर असर स्वाभाविक है।