ध्रुव गुप्त वैसे तो मौसम कोई भी हो अदरक हमारे भोजन का आवश्यक हिस्सा है, लेकिन सर्दियों में अदरक वाली चाय के मज़े ही कुछ और है। यह सर्दी तो...

ध्रुव गुप्त
वैसे तो मौसम कोई भी हो अदरक हमारे भोजन का आवश्यक हिस्सा है, लेकिन सर्दियों में अदरक वाली चाय के मज़े ही कुछ और है। यह सर्दी तो भगाती ही है, कप से उठने वाली चाय और अदरक की मिली-जुली गंध दिलोदिमाग को तरोताज़ा भी कर जाती है। इन दिनों यह अकेली चीज़ है जो हमें रजाई से बाहर निकलने की हिम्मत देती है। आप अकेले हैं तो आपके अकेलेपन में यह रंग भरेगी। आपके पास काम का बोझ है तो यह आपको ऊर्जा और स्फूर्ति देगी।
आप रचनाधर्मी है तो आपकी कल्पनाशीलता को यह पंख लगाती है। अदरक वाली चाय में चीनी की जगह गुड़ की गंवई मिठास घुली हो तो उसे पी लेने के बाद आपके मुंह से एक ही वाक्य निकलेगा -ये दिल मांगे मोर ! स्वास्थ के प्रति सचेत लोगों के लिए यह चाय दर्द निवारक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन ए-डी-ई, मैग्निशियम, आयरन, जिंक, कैल्शियम का खजाना है।
आप मोटे या डायबिटिक हैं तो इसकी चीनी या गुड़ रहित चाय बदन में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने और इन्सुलिन का स्तर बढ़ाने में सहायक है। आप बुढ़ा रहे हैं तो अदरक का एंटी-ऑक्सिडेंट गुण आपके लिए एंटी-एजिंग का काम भी करेगा। कहने का अर्थ यह है कि अदरक के पास सबके लिए कुछ न कुछ है। अदरक को ऐसे ही समझदार लोगों की पहचान नहीं कहा गया है। अदरक को नापसंद करने वालों के लिए हमारे यहां एक कहावत है - बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद !
(लेखक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं)