शासनादेशों के उल्लंघन में जिला आयुष अधिकारी हो गये निलंबित

बांदा डीवीएनए। शासनादेश के नियमों की गाइड लाइन का पालम न कर भ्रष्ट तरीका अपनाने , पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान में नियमों का उल्लंघन करने के आरोपी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. पीआर वर्मा को 26 साल बाद शासन ने निलंबित कर दिया । अपर मुख्य सचिव (आयुष) विभाग ने राज्यपाल की स्वीकृति का हवाला देकर निलंबन आदेश जारी किया है।
17 दिसंबर को अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, झांसी के पद पर रहते हुए डॉ. पीआर वर्मा ने 1993-94 में तत्कालीन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, बांदा डॉ. रमेशचंद्र शर्मा को नियम विरुद्ध पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान किया। शासनादेश के निर्देशोंऔर प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए योग सहायक पद पर लल्लू राम पुत्र परमलाल की अनियमित ढंग से नियुक्ति प्रदान की तथा उसे 10 हजार रुपये की दर से भुगतान करके शासन को वित्तीय क्षति पहुंचाई और वित्तीय अनियमितता की।
इसके अलावा निदेशालय द्वारा मांगी गई सूचनाएं समय से नहीं भेजीं। शासनादेश में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया उत्तर प्रदेश सहकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1960 के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर तत्कालीन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, बांदा को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित करके उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के सुसंगत प्रावधानों के अधीन विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई की स्वीकृति राज्यपाल ने प्रदान की है। निलंबन अवधि में डॉ. वर्मा क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, कानपुर नगर कार्यालय में संबद्ध रहेंगे।
संवाद विनोद मिश्रा

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