
अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने आईपीएन को दिए अपने बयान में कहा कि करीब 1 साल से पत्नी और बेटे के साथ जेल में कैद आजम खान से अगर सहानुभूति होती तो सपा सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर चुकी होती। लेकिन उन्हें तो अब किसी पत्रकार का आजम खान पर उनकी चुप्पी पर सवाल पूछ देने से भी गुस्सा आ जाता है जैसा कि पिछले दिनों लखनऊ में हुआ था।
ट्विटर पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए शाहनवाज ने कहा कि अखिलेश जी ने अपनी जिंदगी के 30 साल सपा को देने वाले आजम खान के लिए एक ट्वीट भी नहीं किया।
शाहनवाज ने कहा कि मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि जब मुलायम सिंह यादव संसद में मोदी के दुबारा प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश जाहिर कर चुके हैं तो उनके बेटे का फर्ज बनता है कि वो मुसलमानों के खिलाफ होने वाले सरकारी जुल्म पर चुप रहें।
शाहनवाज ने कहा कि सिर्फ आजम खान के मसले पर ही अखिलेश यादव चुप नहीं रहे बल्कि उनके संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के बिलरियागंज में भी जब एनआरसी का विरोध कर रही मुस्लिम महिलाओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया तब भी वह वहां नहीं गए। वहां सिर्फ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गयीं।
शाहनवाज ने यह भी आरोप लगाया कि संघ परिवार से अपने वैचारिक सहमति के तहत ही पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उन्होंने कई सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों के खिलाफ अपने सजातीय मतों को भाजपा में ट्रांसफर कराया था।
0 Comments