इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक बार फिर एक हिंदू महिला को उसके मुस्लिम पति से मिलवाया, जिसमें कहा गया था कि 'महिला को अपनी शर्तों पर अपना ...

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक बार फिर एक हिंदू महिला को उसके मुस्लिम पति से मिलवाया, जिसमें कहा गया था कि 'महिला को अपनी शर्तों पर अपना जीवन जीने का अधिकार है।'
बता दें कि अदालत ने पुलिस को 16 दिसंबर को महिला को 18 दिसंबर को पेश करने का आदेश दिया था। जस्टिस पंकज नकवी और विवेक अग्रवाल की पीठ ने महिला के पति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। उस व्यक्ति ने अपनी याचिका में शिकायत की थी कि नारी निकेतन या बाल कल्याण समिति (CWC) ने उसे उसकी पत्नी की इच्छा के विरुद्ध उसके माता-पिता के पास भेज दिया था।
महिला के बयान को सुनने के बाद, पीठ ने पाया कि महिला भी अपने पति के साथ रहना चाहती थी।
अदालत ने कहा, "महिलाएं किसी भी तीसरे पक्ष के प्रतिबंध या बाधा के बिना अपने दम पर कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं"। अदालत ने महिला के पति के खिलाफ दायर एफआईआर को भी खारिज कर दिया जिसमें उस पर महिला के अपहरण का आरोप लगाया गया था।