चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से बौखला गए हैं भाजपा के सभी नेता-मंत्री : संजय सिंह

लखनऊ। गुरूवार को गोमती नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सासंद संजय सिंह ने कहा जब से आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है तब से भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता और मंत्री बौखला गये है। 

इतना ही नहीं यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और गवर्नेन्स के मॉडल पर बहस करने की चुनौती दी, जिसे दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वीकार करते हुए कहा वे 22 दिसंबर को यूपी आ रहे हैं, भाजपा समय और जगह बता दे, हम खुली बहस के लिए तैयार हैं। 

अब तक आदित्यनाथ के किसी भी मंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 25 घंटे हो गये आदित्यनाथ और उनके मंत्री अब तक चुप क्यों है? सब गजनी मूड 

उन्होंने कहा कि इसलिए आदित्यनाथ व मंत्रियों की तरफ से जवाब नहीं आय़ा क्योंकि प्रदेश के अंदर झोपड़ियों में स्कूल चलाये जा रहे है, बच्चों को मिड-डे-मिल में नमक रोटी खिलाई जा रही है, प्रदेश के 28 हजार स्कूलों के अंदर बिजली कनेक्शन नहीं है। सिध्दार्थनाथ सिंह जब स्वास्थ्य मंत्री थे तब ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की जान चली गई थी। जो बच्चों को ऑक्सीजन नहीं दे सकते वो दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल पर बहस कैसे करेंगे? उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में कुत्ते शव को नोचते है, कोविड का अस्पताल एक बारिश से स्वीमिंग पूल में तब्दील हो जाता है, ऐसे में भाजपा के मंत्री किस स्वास्थ्य मॉडल पर बहस करेंगे? 

उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति का खुलासा करने के लिए आम आदमी पार्टी ने आज से 'सेल्फी विद सरकारी स्कूल' अभियान की शुरूआत की है। आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है वो टूटे-फूटे, टाट पट्टी वाले और जिन स्कूलों में जानवरों की तस्वीरें सामने आयी है उन स्कूलों की फोटो क्लिक कर आदित्यनाथ जी को टैग करते हुए पोस्ट डाले, हम उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की सच्ची तस्वीर प्रदेश की जनता तक पहुँचायेंगे। 

प्रदेश के अंदर जब भूतों की कोरोना जाँच होगी तो सही आंकड़ें कैसे दिखेंगे

संजय सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश के अंदर जब भूतों की कोरोना जाँच होगी तो सही आंकड़ें कैसे दिखेगा। ऐसे में आदित्यनाथ के कोरोना अभियान में सवाल उठना लाजमी है। आदित्यनाथ दिल्ली सरकार के कोरोना मॉडल को लेकर सवाल उठा रहे है, उस मॉडल की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की है।  दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने खतरों को देखा, उसका सामना किया  और उस पर नियंत्रण पाया। सरकारों के पास संसाधनों की कमी नहीं होती, कमी सिर्फ साफ नीयत की  होती है। 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बरेली में भूतों की कोराना जाँच हो रही है। कोरोनाकाल में हुए भ्रष्टाचार के जाँच के लिए आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था, लेकिन आज तक पता नहीं चला एसआईटी ने मामले पर क्या कार्यवाही की|

बिजली,पानी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे दिल्ली के मॉडल को उत्तर प्रदेश में भी लागू करेंगे

संजय सिंह ने कहा दिल्ली का जो विकास मॉडल है उसे उत्तर प्रदेश में लागू किया जा सकता है। 200 यूनिट तक बिजली यूपी के लोगों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए? 400 यूनिट बिजली आधे दाम पर क्यों नहीं मिलने चाहिए? बिजली,पानी, चिकित्सा और शिक्षा ये चार प्रमुख ऐजेंडा जो हमने दिल्ली के अंदर लागू किया है उसे उत्तर प्रदेश में भी लागू करके दिखायेंगे।

दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा विदेशों में वही प्रदेश के स्कूलों की हालत बेहद ख़राब: संजय सिंह

उन्होंने इस पर कहा कि सतीष दुबे हिंदुस्तान के पहले व्यक्ति हो जो कह रहे है कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था आम आदमी पार्टी नहीं सुधार पाई। आज दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा विदेशों में हो रही है, विदेश से लोग दिल्ली के शिक्षा मॉडल को देखने आ रहे है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्वीमिंग पूल, जिम, एसी मल्टी पर्पज हॉल, बैंच और मेज-कुर्सी, ऑडियो-विजुअल स्मार्ट रूम, बच्चों के अखबार-मैगजीन पढ़ने और खेल की सुविधा है। वहीं उत्तर प्रदेश के स्कूलों की हालत बेहद खराब है। 

कोरोना काल में संसद बिठा पास कराया काला कानून; पर आज वही संसद सत्र न होने की वजह से किसान आंदोलन पर चर्चा नहीं कर सकती : संजय सिंह
मोदी ने बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए कोरोना काल में सदन की बैठक कराकर ये कृषि बिल पास कराया था, लेकिन आज इस बिल के खिलाफ सदन में विरोध ना हो इसके लिए मोदी जी ने संसद में  शीतकालीन सत्र खत्म कर दिया। उन्होंने कहा देश के अन्नदाताओं को आतंकवादी कहने वाले गृह मंत्री इतने कमजोर है कि उन्होंने आतंवादियों को अपने देश में घुसने दिया, ऐसे में गृह मंत्री को तो अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिेए। भाजपा का हर आंदोलन को पाकिस्तानी, खालिस्तानी का आंदोलन कह कर बदनाम करना बेहद खतरनाक है। 

69 हजार शिक्षकों की भर्ती के घोटाले में एक और घोटाला
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के घोटाले में एक और घोटाला का मामला सामने आया है। शिक्षकों की भर्ती के दौरान आरक्षण के नियमों का कहीं पालन नहीं किया गया है। अभियार्थी ने इसकी शिकायक की लेकिन अब तक इसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई। नौजवानों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी उनके साथ है और उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल करना चाहती है कि सरकार ने इन भर्तियों में आरक्षण का पालन क्यों नहीं किया? अनुदेशकों को सरकार ने 17 हजार रूपये बढ़ाकर देने की बात कही थी लेकिन आज उन्हें 8 हजार रुपये काट कर दिया जा रहा है। तो आम आदमी पार्टी की मांग की है कि अनुदेशकों को निर्धारित राशि मुहैया कराये।

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, प्रदेश सह प्रभारी बृज कुमारी, नदीम अशरफ जायसी,  महिला विंग की अध्यक्ष नीलम यादव और प्रदेश उपाध्यक्ष सरभजीत सिंह मक्कड़ मौजूद रहे| (आईपीएन)

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