बाराबंकी. लक्ष्य की महिला टीम ने एक कैडर कैम्प का आयोजन बाराबंकी के गांव बीबीपुर में किया जिसमें गांववासियों ने विशेषतौर से महिलाओं व युवा...

बाराबंकी. लक्ष्य की महिला टीम ने एक कैडर कैम्प का आयोजन बाराबंकी के गांव बीबीपुर में किया जिसमें गांववासियों ने विशेषतौर से महिलाओं व युवाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया |
जब आंदोलन मजबूत होने लगता है तभी चमचों की मांग बढ़ने लगती है अर्थात् जब दूषित मानशिकता वाले लोगो के खिलाफ आंदोलन चुनौतियां खड़ी करने लगता है तब उस आंदोलन को कमजोर करने के लिए हमारे समाज के चमचों की मांग तेजी से बढ़ जाती है और जब किसी आंदोलन या संघर्ष से दूषित मानसिकता वालो को कोई खतरा नहीं होता है तो चमचों की मांग नहीं रहती है | ये चमचे समाज के आन्दोलन के लिए सबसे बड़ा खतरा होते है ऐसे चमचों से बहुजन समाज को सावधान रहना चाहिए यह बात लक्ष्य कमांडरों ने अपनी सामाजिक चर्चा के दौरान कही |
उन्होंने कहा कि इन चमचों को मान्यवर कांशीराम जी ने अपनी पुस्तक चमचा युग में अच्छी तरह से परिभाषित किया है जैसे औजार, दलाल, पिठू व चमचा अगर बहुजन समाज के लोग मान्यवर कांशीराम जी द्वारा बताये गए चमचों के बारे में समझ जाएं तो बहुजन समाज के आंदोलन को लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है अर्थात् बहुजन समाज को हुक्मरान बनने से कोई नहीं रोक सकता है | इसीलिए लक्ष्य की टीम गांव गांव घर घर जाकर इन चमचो से बहुजन समाज को सचेत करने में जुटी है |
इस सामाजिक चर्चा में लक्ष्य कमांडर विजय लक्ष्मी गौतम, रेखा आर्या, संघमित्रा गौतम, मुन्नी बौद्ध, राजकुमारी कौशल,लाजो कौशल देवकी बौद्ध, बबिता सेन,शिव कुमारी पाल, संगीता चौधरी, पंछी जायसवाल,कमला गौतम, पूनम प्रधान,नीलम गौतम, प्रियंका राजवंशी, एडवोकेट मनोकांति राजवंशी,अलका गौतम,ज्ञानवती व रूपरानी ने हिस्सा लिया |
source https://upuklive.com/uttarpradesh/when-the-movement-starts-to-strengthen-then-the-demand-for/cid1765219.htm