नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों पर किराया बढ़ा दिया है अगर मांग बढ़ती है तो। अब ये कंपनियां मूल कि...

नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों पर किराया बढ़ा दिया है अगर मांग बढ़ती है तो। अब ये कंपनियां मूल किराया का डेढ़ गुना से अधिक शुल्क नहीं ले सकेंगी। सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि लोग कैब सेवा देने वाली कंपनियों के अधिकतम किराये पर लगाम लगाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 के अनुसार, एग्रीगेटर कंपनियों को मूल किराए का अधिकतम 50 प्रतिशत और अधिकतम किराए का डेढ़ गुना तक न्यूनतम किराए लेने की अनुमति है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि यह संसाधनों के उपयोग को सुविधाजनक और बढ़ावा देगा, जो परिवहन एकत्रीकरण के सिद्धांत का मूल है। यह गतिशील किराये के सिद्धांत को मान्य करेगा, जो मांग और आपूर्ति के अनुसार संसाधनों के उपयोग को सुनिश्चित करने में प्रासंगिक है।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सवारी पर कम से कम 80 प्रतिशत किराया एग्रीगेटर से जुड़े वाहन के चालक को दिया जाएगा। शेष भाग को एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा रखा जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में शहरी टैक्सी का किराया राज्य सरकार ने तय नहीं किया है, 25-30 रुपये किराया नियमन के लिए मूल किराया माना जाएगा। राज्य सरकारें एग्रीगेटर द्वारा जोड़े गए अन्य वाहनों के लिए किराया समान तरीके से निर्धारित कर सकती हैं।
source https://upuklive.com/deshvidesh/modi-government-tightens-cab-companies-now-will-not-be-able/cid1818626.htm