भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर समूह 'बी' और समूह 'ग' की सेव...

भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर समूह 'बी' और समूह 'ग' की सेवा नियमावली में बदलाव कर पांच साल के लिए संविदा पर तैनाती के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है। देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में कहा है कि इस नई सेवा नियमावली के लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान होने की संभावना है। इसे लेकर आम जनता खासकर युवाओं में खासी नाराजगी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में युवाओं के साथ रहेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देवेंद्र प्रताप ने कहा कि नए प्रस्तावित सेवा नियमों के लागू होने से सरकारी सेवाओं में कार्यरत युवाओं के शोषण और कदाचार में वृद्धि होगी। नवनियुक्त कर्मचारी 5 साल के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर बन जाएंगे और अधिकारी वर्ग विभिन्न तरीकों से नई सेवा नियमावली का फायदा उठाने के लिए उपकरण बना सकता है।
उन्होंने कहा है कि पांच साल के लिए संविदात्मक तैनाती के दौरान, उनके काम का मूल्यांकन कार्यालय प्रमुख, विभाग के प्रमुख और सरकार के अधिकारियों द्वारा मिजोरबेल में प्रदर्शन संकेतकों के माध्यम से किया जाएगा। संविदा कर्मचारी को नियमित होने के लिए, इस मूल्यांकन में हर साल कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे और किसी भी दो छमाही में, 60 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वाले संविदा कर्मी को सेवा से वंचित कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि योगी सरकार सरकारी नौकरियों में बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। राज्य सरकार समूह 'बी' और समूह 'सी' की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव के बारे में मंथन कर रही है। प्रस्तावित प्रणाली में चयन के बाद, कर्मियों को पहले पांच वर्षों के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस समय के दौरान, उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को सेवा से संबंधित लाभ नहीं मिलेगा।