अडाणी ग्रुप खरीदेगा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, जानें पूरा प्लान

राजधानी नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास स्थित रेलवे स्टेशन ने अडानी ग्रुप को खरीदने का मन बना लिया है। राजधानी में रेलवे स्टेशन के निजीकरण के संबंध में रेलवे मंत्रालय के रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित प्री-बीड मीटिंग में इस समूह के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। केंद्र सरकार ने हाल ही में देश में छह हवाई अड्डों का निजीकरण किया है, जिनमें लखनऊ, जयपुर और अहमदाबाद शामिल हैं, इन सभी को अडानी समूह द्वारा लिया गया है।

RLDA के अनुसार, प्री-बीड मीटिंग में घरेलू और विदेशी दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें फ्रांसीसी सरकारी रेलवे कंपनी द सोसाइटी नेशनल देस कॉमिन डी फेर फ्रैंक (एससीएनएफ), अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, अदानी, जीएमआर, आई स्क्वैड कैपिटल, जेकेबी इंफ्रा, आदि के नाम शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 साल के लिए एक निजी कंपनी को स्टेशन सौंपने की योजना है ताकि इसे पुनर्विकास किया जा सके। इस समय, जो भी रेलवे भूमि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास है, सभी निजी कंपनी के पास जाएगी। इसे डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर विकसित करने के लिए 60 साल के लिए रेलवे स्टेशन को सौंपा जाएगा।

यह रेलवे स्टेशन देश का सबसे बड़ा और दूसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। हर साल लगभग 4.5 लाख यात्री (लगभग 160 -170 मिलियन यात्री) इस स्टेशन पर आते रहते हैं। इस स्टेशन पर प्रतिदिन 400 से अधिक ट्रेनें आती हैं। नई दिल्ली ही नहीं, बल्कि 62 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की रेलवे की योजना है। इसमें तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे नाम शामिल हैं।

रेलवे को भरोसा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में लगभग 6,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना लगभग 4 वर्षों में पूरी होगी। निजी कंपनी वहां वाणिज्यिक हब विकसित करेगी, साथ ही विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं भी होंगी।

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