जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के लोगों से सभी सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, बाजारों, कार्यस्थलों, धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक परिवहन, ...

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के लोगों से सभी सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, बाजारों, कार्यस्थलों, धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक परिवहन, सामाजिक आयोजनों आदि में ask नो मास्क, नो एंट्री ’का संकल्प लेने का आह्वान किया है और यह सुनिश्चित किया है कि अपने स्वयं के काम करें। यह कोरोना संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि आज कोरोना अवेयरनेस डायलॉग के दौरान देश के प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी यही संदेश दिया है। विभिन्न सामाजिक, सामुदायिक और जन संगठनों को इस संकल्प को पूरा करने के लिए अभियान का नेतृत्व करना चाहिए।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस महामारी में दूसरों की रक्षा स्वयं की रक्षा से ही संभव है। लेकिन एक संक्रमित व्यक्ति बड़ी संख्या में अन्य लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल सकता है। ऐसी स्थिति में, कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हर कोई एक साथ सफल हो सकता है। उन्होंने 'नो मास्क, नो एंट्री' के संकल्प का आह्वान किया कि वे कम से कम अगले 4 सप्ताह तक ईमानदारी से काम करें।
गहलोत ने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को समय-समय पर अनलॉक के दौरान अनुमत गतिविधियों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी गतिविधि से कोरोना के संक्रमण का खतरा न हो। यदि एक गतिविधि से कोरोना वायरस फैलने की संभावना बढ़ जाती है, तो आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने पारिवारिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उपस्थिति की सीमा 21 सितंबर से 50 तक रखने और मास्क पहनने और उचित दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए।